मऊगंज: जिले के बहुचर्चित गड़रा गांव में हुई हिंसक घटना ने अब एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. गांव में पहले से फैले तनाव के बीच 4 अप्रैल को तीन आदिवासियों की संदिग्ध मौत ने हालात को और भड़का दिया है. पहले ही इस मामले में 187 हरिजन और आदिवासी लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें से कई लोगों ने पुलिस प्रताड़ना के डर से गांव छोड़ दिया था. अब एक बार फिर एनडीटीवी की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, जहां आदिवासी बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है और घरों पर ताले लटके हुए हैं.
गांव में चारों ओर धारा 163 प्रभावशील है और पुलिस बल तैनात है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लापता लोगों के मवेशियों और बकरियों की देखरेख तक पुलिसकर्मियों को करनी पड़ रही है. दो दर्जन से अधिक मवेशियों और बकरियों को चारा-पानी देने की जिम्मेदारी अब पुलिस पर आ गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद की गई पुलिसिया कार्रवाई इतनी कठोर थी कि कई निर्दोष लोग डर के मारे भाग गए और जो नहीं भाग पाए, वे अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहे हैं.
4 अप्रैल को औसरी साकेत और उनके दो मासूम बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद से मामले ने नया मोड़ ले लिया है. इससे पहले अशोक कोल की भी रहस्यमयी मौत हो चुकी है. इन घटनाओं को लेकर क्षेत्रीय और बाहरी राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है.
बीएसपी समेत कई दलों और सामाजिक संगठनों ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई है. उन्होंने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कुल 9 सूत्रीय मांगें शामिल हैं – जिनमें लापता आदिवासियों और हरिजनों की सुरक्षित वापसी, आरोपियों की सार्वजनिक पहचान, निर्दोष लोगों को रिहा करने और मृतकों की न्यायिक या सीबीआई जांच शामिल है.
इस बीच मऊगंज रेंज के आईजी गौरव राजपूत और एसपी दिलीप सोनी का कहना है कि जो लोग निर्दोष हैं और गांव छोड़कर गए हैं, वे वापस आएं, पुलिस उनकी हरसंभव मदद करेगी. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी.
लेकिन गांव में जिस तरह से एक के बाद एक संदिग्ध मौतें हो रही हैं और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, उससे जनता में भय और अविश्वास की भावना बढ़ रही है. यह स्पष्ट है कि गड़रा गांव की आग अभी पूरी तरह बुझी नहीं है – राजनीतिक दलों के धरने, ज्ञापन और विरोध प्रदर्शन इस बात का प्रमाण हैं कि मऊगंज में हालात सामान्य होने में अभी समय लगेगा.