मऊगंज हत्याकांड: विवादित बयान से फिर गरमाई सियासत पूर्व सांसद का वीडियो वायरल

मऊगंज :  हाल ही में हुई दो हत्याओं के बाद सियासत गरमा गई है. इस बीच बीएसपी नेता और पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल के एक विवादित बयान ने मामले को और भी तूल दे दिया है. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे मंच से बोलते हुए विवादित बातें करते नजर आ रहे हैं.

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बयान में क्या कहा गया

वीडियो में बुद्धसेन पटेल कथित रूप से आदिवासी समुदाय के अशोक कोल के परिजनों की तारीफ करते हुए कहते नजर आ रहे हैं कि जिन्होंने एक ब्राह्मण युवक और एक पुलिसकर्मी की हत्या की, वे सही कदम उठा रहे हैं. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भूचाल आ गया है.

आक्रोशित हुए सामाजिक संगठन

बयान के बाद ब्राह्मण समाज सहित कई सामाजिक संगठनों में आक्रोश है. मध्य प्रदेश के रीवा और अन्य जिलों में उग्र आंदोलन की तैयारी की खबरें भी सामने आ रही हैं.

 

बजरंग सेना का विरोध

बजरंग सेना के संभागीय अध्यक्ष लव कुश त्रिपाठी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बुद्धसेन पटेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो बजरंग सेना सड़क पर उतरकर आमरण अनशन करेगी.

मऊगंज के गरड़ा गांव में कुछ दिनों पहले एक ब्राह्मण युवक शनि द्विवेदी की हत्या कर दी गई थी. इस घटना में बीच बचाव करने गए एएसआई की भी हत्या कर दी गई थी. साथ ही, एसडीओपी अंकिता सुल्या को बंधक बनाने और उनके घर में आग लगाने की कोशिश भी की गई. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी.

ब्राह्मण क्षत्रिय समाज का आक्रोश

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा और संयोजक अंशुल मिश्रा ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर ऐसे समाज को भड़काने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे भी उग्र आंदोलन करेंगे.

 

सोशल मीडिया पर विरोध

सोशल मीडिया पर भी बुद्धसेन पटेल के बयान की कड़ी आलोचना हो रही है। कई यूजर्स ने इस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है. वहीं, सवाल उठाया जा रहा है कि आम नागरिकों पर कार्रवाई तुरंत होती है, तो ऐसे नेताओं पर कार्रवाई में देरी क्यों?

 

प्रशासन को अल्टीमेटम

सामाजिक संगठनों ने प्रशासन और पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगर इस अवधि में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जाएगी.अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और सियासत का यह विवाद किस दिशा में बढ़ता है.

 

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