मऊगंज: जिले के नईगढ़ी विकासखंड के अकौरी गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नाइस पब्लिक स्कूल की मनमानी ने सात छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया. स्कूल की मान्यता केवल कक्षा आठवीं तक थी, फिर भी संचालक प्रभाकर सेन ने कक्षा दसवीं तक की पढ़ाई कराई और छात्रों से फीस वसूली.
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे सात छात्रों ने नियमित स्कूल जाकर पढ़ाई की, हर महीने फीस और बस का किराया भी चुकाया. यहां तक कि परीक्षा फॉर्म भरने के नाम पर उनसे 2000-2000 रुपये भी वसूल लिए गए. लेकिन जब दसवीं की बोर्ड परीक्षा का समय आया तो छात्रों के एडमिट कार्ड नहीं आए. जांच में पता चला कि स्कूल ने माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश, भोपाल को न तो छात्रों का फॉर्म भेजा और न ही फीस जमा की.
छात्रों को परीक्षा से वंचित किए जाने के बाद नाराज अभिभावकों और छात्रों ने इसकी शिकायत नईगढ़ी थाना प्रभारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, मऊगंज कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला शिक्षा अधिकारी रीवा से की. शिकायत के दौरान यह भी सामने आया कि स्कूल बिना मान्यता के सिर्फ पैसे कमाने के लिए कक्षा दसवीं तक का संचालन कर रहा था.
अब सवाल यह है कि सात छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले इस गैरजिम्मेदार स्कूल संचालक के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. पीड़ित छात्र और उनके अभिभावक अब न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं.