मऊगंज: ‘हर घर नल-जल’ योजना बनी ग्रामीणों की मुसीबत, गांव की गलियां कीचड़ में तब्दील

मऊगंज: प्रदेश सरकार की बहुप्रचारित “हर घर नल-जल” योजना अब ग्राम पंचायत जमुई में लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गई है। इस योजना के अंतर्गत बिछाई गई पाइपलाइन से न तो पानी मिला और न ही सड़कों की दुर्दशा थमी। ठेकेदार द्वारा बिना किसी तकनीकी देखरेख के सड़कें खोदकर पाइप तो डाल दिए गए, लेकिन कार्य पूरा होने के बाद सड़कों की मरम्मत करना भूल गए। नतीजा ये है कि आज गांव की गलियों में कीचड़, दलदल और गड्ढे ही गड्ढे हैं।

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ग्राम सरपंच शिवराज सिंह का कहना है कि उन्होंने कई बार ठेकेदार और इंजीनियर को फोन कर हालात की जानकारी दी, लेकिन किसी ने जवाब देना उचित नहीं समझा। सड़कें पहले जैसी बनानी थीं, लेकिन अब तो गांव की हर गली मानो जलजमाव और अव्यवस्था की मिसाल बन गई है।

बरसात में हालात और गंभीर हो गए हैं। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, मरीज सभी को जान जोखिम में डालकर रोज गुजरना पड़ रहा है। कीचड़ भरी सड़कों पर फिसलकर गिरने की घटनाएं आम हो चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह योजना अब “पानी देने वाली नहीं, परेशानी देने वाली” बन चुकी है।

इस गंभीर स्थिति के बावजूद न तो जनपद स्तर से कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा, न ही किसी प्रकार की जांच या सुधार की पहल की गई। शासन-प्रशासन की चुप्पी और ठेकेदार की मनमानी ने गांव को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई कर सड़क की मरम्मत और योजना की पुनरावलोकन कराया जाए, वरना गांव में बड़ा आंदोलन तय है।

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