मऊगंज: जिले की प्राकृतिक धरोहरों में बहुती जलप्रपात एक ऐसी चमकती हुई पहचान बनकर उभरा है, जो न सिर्फ जिले बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। सेलर नदी पर स्थित यह भव्य जलप्रपात प्रदेश का सबसे ऊँचा झरना है, जिसकी ऊँचाई 198 मीटर यानी लगभग 650 फीट है। यह झरना मऊगंज की घाटी से गिरता हुआ बिहड़ नदी में मिलता है, जो तमसा या टोंस नदी की सहायक धारा है। चचाई जलप्रपात के नज़दीक होने के कारण यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र बन चुका है।
घने जंगलों, चट्टानी सतहों और हरियाली से घिरा बहुती जलप्रपात मानसून के समय अपनी सबसे खूबसूरत और शक्तिशाली छवि में नजर आता है। तेज गर्जना करता पानी और उसके चारों ओर उठती ठंडी धुंध का अनुभव पर्यटकों को किसी परी-कथा की दुनिया में ले जाता है। यहाँ के शैलाश्रय और शैल चित्र 11वीं-12वीं सदी की सांस्कृतिक समृद्धि की कहानी कहते हैं, जो इसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं।
फोटोग्राफी, ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। रीवा रेलवे स्टेशन और प्रयागराज हवाई अड्डे के ज़रिए यहाँ पहुँचना आसान है, साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 135 इस स्थल को अन्य शहरों से जोड़ता है।
मऊगंज के पर्यटन मानचित्र पर बहुती जलप्रपात का यह उभार निश्चित ही स्थानीय विकास और रोजगार के नए द्वार खोलने वाला है। राज्य सरकार और पर्यटन विभाग यदि इस दिशा में ध्यान दें तो यह स्थल अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना सकता है।