ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद साजिद रशीदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इमामों का भत्ता बढ़ाने की मांग का समर्थन किया. इमामों का भत्ता बढ़ाने की मांग पर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा है. बंगाल सरकार को यह पहले ही कर देना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि 15000 रुपए में आज के वक्त में कुछ भी नहीं होता. मैं आशा करता हूं कि ममता दीदी से कि वो इमामों की बातों को जरूर सुनेंगी और तत्काल प्रभाव से उसे लागू करेंगी.
बता दें कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है कि पुजारियों को 18,000 रुपए मासिक भत्ता दिया जाएगा. अरविंद केजरीवाल ने वादा किया कि हिंदू पुजारियों और सिख गुरुद्वारों के ग्रंथियों को मासिक भत्ते की यह रकम दी जाएगी.
बंगाल में इमामों का भत्ता बढ़ाने की मांग
दूसरी ओर, केजरीवाल की घोषणा के बाद बंगाल के इमामों ने 20,000 रुपए भत्ता देने की मांग की. वर्तमान में, बंगाल सरकार इमामों को 3,000 रुपए, मोअज़्ज़िम को 1,500 रुपए और पुजारियों को 1,500 रुपए प्रति माह का देती हैं. उन्होंने उस भत्ते को और अधिक बढ़ाने की मांग की.
स्विट्जरलैंड में बुर्का बैन पर मौलाना मुहम्मद साजिद रशीदी ने कहा कि बुर्के को बैन करना यह सिर्फ सियासी मंशा की वजह से होता है. सारी दुनिया में इस्लाम, मुसलमान और बुर्का यह ऐसी चीज हैं, जिनके इर्द-गिर्द राजनीति घूम रही है. अगर मुसलमान दुनिया में ना होता तो बहुत सारे राजनेता सड़क के किनारे भुट्टा बेचते नजर आते.
स्विट्जरलैंड में बुर्का बैन पर जानें क्या बोले रशीदी
उन्होंने कहा कि अक्सर लोगों की राजनीति इस्लाम और मुसलमान पर चल रही है. मैं यह मानता हूं कि बुर्का ऐसी चीज है जो पहनने में आता है, इंसान की अपनी आजादी होनी चाहिए कि वह क्या खा रहा है और क्या पहन रहा है? सरकार को इसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो इस तरह की चीजों को सिर्फ राजनीतिक कारणों से किया जाता हैं और इसमें कुछ भी नहीं है.
बता दें कि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढंकने “बुर्का प्रतिबंध” बुधवार से लागू हो गया, जो कोई भी गैरकानूनी तरीके से निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है, उसे 1,000 स्विस फ्रैंक तक का जुर्माना भरना पड़ता है.