Vayam Bharat

अपनी ही निगम सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे महापौर , बेसमेंट को लेकर निगम ने की ताबड़तोड़ कार्रवाई

छिंदवाड़ा : लंबे समय से अवैध रूप से चलने वाले बेसमेंट को लेकर निगम द्वारा कार्रवाई की बात की जा रही थी. जिसको लेकर कुछ दिन पहले निगम द्वारा बेसमेंट संचालकों को 3 दिन का अल्टीमेटम भी दिया था. अल्टीमेटम की अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार सुबह से ही निगम के अमले के साथ भारी पुलिस बल की उपस्थिति में तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई.

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इन टीमों के द्वारा शहर के अलग-अलग क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू भी की गई. जब टीम शहर के गांधी गंज क्षेत्र में पहुंची तो वहां पर विरोध के स्वर उठने लगे. इस बीच निगम के महापौर विक्रम आहके अपनी ही सरकार के खिलाफ निगम अध्यक्ष सोनू मांगो, भाजपा पार्षद सहित पीड़ित एवम कार्यकर्ता भी धरने पर बैठकर बेसमेंट पर होने वाली कार्रवाई का विरोध करने लगे हैं.

लगातार हो रहे विरोध के बाद भी प्रशासन और निगम के अधिकारियों ने किसी की भी एक न सुनी और देर शाम तक कार्रवाई शहर भर में चलती रही. वही इस मामले में कलेक्टर शिलेंद्र सिंह ने साफ कर दिया की यह कार्रवाई किसी भी सूरत में रुकेगी नही। निगम की यह कार्रवाई आने वाले कुछ दिनों तक निगम द्वारा की जाती रहेगी.

अंधा बांटे रेवडी…

अंधा बांटे रेवड़ी … जैसी कहावत इन दिनों नगर निगम में चरितार्थ हो रही है। निगम द्वारा बुधवार की सुबह से ही शहर में बेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ की गई. इस कार्रवाई में एक बार फिर निगम के अधिकारियों पर उंगलियां उठने लगी. दरअसल कुछ ऐसे बेसमेंट संचालकों को बक्श दिया गया. जिनकी पहुंच ऊपर तक है. परासिया रोड स्थित एक अस्पताल की बेसमेंट पर कार्रवाई करने से निगम अमला बचता नजर आया.

गरीबों पर नहीं आई रहम अमीरों के लिए धरने पर बैठे 

नगर निगम के द्वारा शहर की सड़कों के आसपास छोटी-छोटी दुकान लगाकर अपना व्यापार चलाने वाले और अपने परिवार का पेट पालने वालों को अतिक्रमण के चलते हटा दिया गया. उस समय किसी भी जनप्रतिनिधियों को गरीबों पर रहम नहीं आई.

लेकिन बुधवार को बेसमेंट संचालकों पर की गई कार्रवाई को लेकर जनप्रतिनिधियों को अमीर और बड़े-बड़े बेसमेंट और दुकान संचालको पर रहम आ गई. उनके लिए जनप्रतिनिधि धरने पर बैठ गए। इस बात को लेकर पूरे शहर में आज दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.

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