बलरामपुर : जिले में पत्रकारों और जिला प्रशासन के बीच तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है.पत्रकारों ने एकजुट होकर जिला स्तरीय कार्यक्रमों एवं जनसंपर्क से जुड़ी खबरों के बहिष्कार का बड़ा फैसला लिया है.यह निर्णय जिले भर के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों की संयुक्त बैठक में लिया गया.
पत्रकारों का आरोप है कि जिला प्रशासन लगातार पत्रकारों की उपेक्षा कर रहा है और जनहित से जुड़े मुद्दों पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा.पत्रकारों का कहना है कि जिले में आम जनता से जुड़े अनेक अहम मुद्दों पर प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता और संवाद की कमी है.प्रशासन द्वारा न तो पत्रकारों को सही जानकारी दी जाती है और न ही आधिकारिक वर्जन उपलब्ध कराया जाता है.
ऐसे में पत्रकारिता के मूल उद्देश्य, यानी जनता तक सटीक और निष्पक्ष जानकारी पहुँचाने में कठिनाई आ रही है.वहीं जिले में पीड़ित पक्ष कोई भी आवेदन या शिकायत अधिकारियों तक पहुंचा रहा है तो उस पर किसी तरह की कोई पहला विभागों को के द्वारा नहीं की जाती है आवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है जिससे आम जनता सहित पत्रकार भी काफी परेशान है.इस उपेक्षा से नाराज होकर पत्रकारों ने मजबूरन बहिष्कार का निर्णय लिया है.
पत्रकारों का कहना है कि कलेक्टर और प्रशासनिक अमला पत्रकारों से संवाद करने के बजाय तानाशाही तरीके से कार्य कर रहा है। इससे न सिर्फ पत्रकारों की भूमिका प्रभावित हो रही है, बल्कि जनता तक सही सूचनाओं का प्रवाह भी बाधित हो रहा है।.बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक जिला प्रशासन पत्रकारों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाता और जनहित के मुद्दों पर संवाद की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करता, तब तक जिले के पत्रकार जिला स्तरीय सभी कार्यक्रमों और जनसंपर्क से जुड़ी खबरों का पूर्ण बहिष्कार करेंगे.
साथ ही पत्रकारों ने जिला जनसंपर्क कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी कार्यशैली पारदर्शी नहीं है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.
पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अपने रवैये में सुधार नहीं किया तो आने वाले दिनों में विरोध और तेज किया जाएगा.उनका कहना है कि पत्रकारिता का उद्देश्य सिर्फ खबर देना नहीं, बल्कि जनता की आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुँचाना है.ऐसे में यदि प्रशासन ही संवाद से दूरी बनाए रखेगा तो पत्रकार मजबूरन कठोर कदम उठाने पर विवश होंगे.
जिले में पत्रकारों का यह रुख प्रशासन और मीडिया के रिश्तों में बढ़ते तनाव को उजागर करता है.अब देखना होगा कि जिला प्रशासन पत्रकारों की नाराजगी दूर करने और संवाद की पहल करने के लिए क्या कदम उठाता है.