कश्मीर पर मध्यस्थता स्वीकार नहीं, PoK को खाली करे पाकिस्तान… भारत का सख्त संदेश

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हालिया सैन्य कार्रवाइयों ने पाकिस्तान को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है. भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को खाली करना होगा.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा लम्बे अरसे से यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है. इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है.

पाकिस्तानी उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय से किया था संपर्क

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई 2025 को 15.35 बजे शुरू होने वाली फोन कॉल पर समझौते की विशिष्ट तिथि, समय पर काम किया गया. इस कॉल के लिए विदेश मंत्रालय को पाकिस्तानी उच्चायोग से 12.37 बजे अनुरोध प्राप्त हुआ. तकनीकी कारणों से पाकिस्तानी पक्ष को भारतीय पक्ष से हॉटलाइन कनेक्ट करने में शुरुआती कठिनाइयां हुईं. इसके बाद 15.35 बजे भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के आधार पर समय तय किया गया.

पाकिस्तान गोलीबारी रोकने पर मजबूर हुआ

उन्होंने आगे कहा कि आप निश्चित रूप से इस बात को समझेंगे कि 10 तारीख की सुबह हमने पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुख ठिकानों पर बेहद प्रभावी हमला किया था. यही कारण था कि वे अब गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने को तैयार थे. मैं स्पष्ट कर दूं यह भारतीय हथियारों की ताकत थी जिसने पाकिस्तान को अपनी गोलीबारी रोकने पर मजबूर किया.

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है. जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री के दावों पर क्या बोला भारत?

पाकिस्तानी विदेश मंत्री द्वारा सीएनएन को दिए गए दावों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले हफ्ते ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और अन्य स्थानों पर अपने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट होते देखा है. उसके बाद, हमने उसकी सैन्य क्षमताओं को काफी हद तक कम कर दिया और प्रमुख एयरबेसों को प्रभावी रूप से निष्क्रिय कर दिया. अगर पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसे उपलब्धियों के रूप में पेश करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है.

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