औषधीय गुण और स्वाद में मजेदार, झारखंड में पहली बार तैयार हुई काले आलू की फसल

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है. किसी भी सब्जी में मिलकर आलू उसके स्वाद को कई गुणा बढ़ा देता है. किसी भी परिवार की ये हर रोज की जरूरत है लेकिन आलू जमीन के नीचे होता है इसलिए इसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट और शुगर सभी तत्व मौजूद होते हैं. लिहाजा अब ज्यादातर बढ़ते वजन या सेहत के प्रति सचेत और डायबिटीज के मरीजों का आलू से परहेज रहता है. हालांकि अब समोसा या आलू प्रेमियों को फिक्र करने की जरूरत नहीं है.

झारखंड के राजभवन में प्रयोग के तौर पर काले आलू की फसल तैयार की गई, जो कई औषधीय गुणों को समेटे हुए है. इसमें कैंसर से प्रतिरोध के गुण भी मौजूद हैं. एंटी ऑक्सीडेंट सामान्य आलू से तीन गुना है. लिहाजा स्वादिष्ट भी है और कई खूबियों से भरपूर भी है, जो मरीजों के भोजन का जायका बढ़ा देगा.

राजभवन की तरफ से बताया गया है कि इसकी पैदावार सामान्य आलू से भी ज्यादा होती है. ऐसे में ये आलू पैदा करने वाले किसानों के लिए भी खुशखबरी है. राजभवन के किचन गार्डन में इसे उगाया गया है.

ये आलू अमेरिका के एंडीज पर्वत क्षेत्र में पाए जाते है लेकिन राजभवन ने अपने किचन गार्डन में इसका फसल तैयार कर लिया है. इससे यहां के किसानों के लिए आलू के खेती की दिशा में एक नई संभावना भरे क्षेत्र के द्वार खोल दिए हैं.

 

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