मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड के बाद चर्चा में आए नीले ड्रम को अब दिल्ली के कांवड़िए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना रहे हैं. वही नीला ड्रम, जिससे कभी दहशत फैली थी, अब 120 लीटर गंगाजल से भरकर भोलेनाथ की सेवा में समर्पित किया गया है
दिल्ली के नरेला के लामपुर गांव निवासी हिमांशु और उनके साथी हर साल कांवड़ यात्रा करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने एक खास उद्देश्य के साथ यात्रा शुरू की है. उन्होंने मेरठ की भयावह यादों से जुड़े नीले ड्रम को अपनाया और उसमें गंगाजल भरकर हरिद्वार से दिल्ली की ओर चल दिए. उनका संदेश साफ है डर को खत्म करना है और लोगों के मन में भरोसा और श्रद्धा को फिर से स्थापित करना है.
बागपत पहुंचकर हिमांशु ने बताया कि लोग अब नीले ड्रम से डरने लगे हैं. कई लोगों ने इसे घरों में रखना तक बंद कर दिया है. इसी डर को तोड़ने के लिए उन्होंने इसे गंगाजल से भरकर आस्था का माध्यम बनाया है.
ड्रम का गंगाजल भी भक्तों में बांटा जाएगा
23 जुलाई को नरेला गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक किया जाएगा और ड्रम का गंगाजल भी भक्तों में बांटा जाएगा. हिमांशु का कहना है कि हम चाहते हैं समाज में फिर ऐसी घटनाएं न हों. लोग डर की बजाय भक्ति और सद्भाव का रास्ता चुनें. नीला ड्रम अब भय नहीं, बल्कि श्रद्धा का संदेश लेकर चला है.