रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। 13 सितंबर को एक महिला की डिलीवरी की गई थी। नवजात बच्चे की कंडीशन भी गंभीर थी। मेकाहारा में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के बाद बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करना पड़ा था।
डिलीवरी के लिए मेकाहारा के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मां को स्टीट्चेस लगाए थे। 25 सितंबर यानी कल रात को स्टीट्चेस काटे गए। लेकिन इसके बाद अंदर के स्टीट्चेस खुल गए।
पीड़ित पति तबरेज ने बताया कि कल रात से उनकी पत्नी दर्द में है, लेकिन अब तक कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा। नर्स आई थी जो क्लीनिंग करके गई है। डॉक्टर के बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा। पत्नी की हालत गंभीर है, जबकि डॉक्टर कह रहे थे कि आज उसकी छुट्टी हो जाएगी।
स्त्री-प्रसूति रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ. रुचि किशोर गुप्ता ने बताया कि बिरगांव, गाजीनगर रायपुर निवासी ऐरम सबा (27) को 13 सितंबर की रात साढ़े सात माह की गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होने पर आपातकालीन सेवा के जरिए अस्पताल लाया गया था। मरीज को प्लेसेंटा परक्रिटा की गंभीर समस्या थी। यह स्थिति जानलेवा होती है और इसके पहले भी उनका तीन बार सीजेरियन ऑपरेशन हो चुका था।
14 यूनिट ब्लड चढ़ाना पड़ा
उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता देखते हुए तत्काल ऑब्स हिस्ट्रेक्टोमी ऑपरेशन किया गया। इस दौरान मरीज को 14 यूनिट ब्लड प्रोडक्ट दिए गए। ऑपरेशन सफल रहा और 18 सितम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
कमजोरी के बाद दोबारा भर्ती
22 सितम्बर को कमजोरी महसूस होने पर महिला को फिर अस्पताल लाया गया। जांच में पाया गया कि ऊपरी टांका खुल गया है, लेकिन अंदरूनी टांका जुड़ा हुआ है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि मरीज के शरीर में खून की कमी और पोषण की कमी है, जिसके चलते टांके पर असर पड़ा हो सकता है। मरीज को दवाइयां और एंटीबायोटिक दी गई हैं।
फिलहाल हालत स्थिर
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महिला को फिलहाल निरंतर चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। घाव की स्थिति ठीक होने पर दोबारा टांका लगाया जाएगा।