Vayam Bharat

अनुसूचित जनजाति शास सेवक विकास संघ के बैनर तले शिक्षको ने मुख्यमंत्री के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

कांकेर – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए जा रहे युक्तियुक्तकरण का शिक्षकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. शिक्षको का मानना है कि एक शिक्षक पांच कक्षाओं की पढ़ाई करवाने में असमर्थ है.इससे शिक्षा गुड़वत्ता में गिरावट देखने को मिल सकती है. अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के बैनर तले शिक्षको ने मुख्यमंत्री के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए 2008 में लागू किये सेटप को यथावत रखने का मांग किया है.

Advertisement

युक्तियुक्त करण का विरोध करते शिक्षकों ने बताया कि प्रत्येक स्कूलों में एक शिक्षक का काम डाक से सर्वे तक का होता है. जबकि अंदरूनी इलाको के स्कूलों में आधार कार्ड, आय,जाति,निवास बनवाने तक कार्य किया जाता है. इसके अलावा शासन प्रशासन द्वारा समयानुसार अन्य कार्य भी दिया जाता है.इससे स्कूल में पढ़ाई करवाने के लिए एक ही शिक्षक बच जाएंगे।जिन्हें पूरे 5 कक्षाओ को पढ़ाई करवाना होगा. शिक्षकों के अनुसार स्कूल खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक है.

इस दौरान पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी,चौथी,पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार 18 विषय होते है. जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षको को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है पर दो शिक्षको द्वारा मिलकर 12 से 15 कक्षाओं का पढ़ाई करवाया जाता है. तो युक्तियुक्तकरण के बाद एक ही शिक्षक को 18 कक्षाओं का पढ़ाई करवाना सम्भव नही हो सकता है.

यहां है प्रशासन की लापरवाही

अंदरूनी इलाको के शिक्षकों ने शिकायत करते हुए बताया कि वर्तमान समय में एक प्रधान अध्यापक व दो सहायक शिक्षक को प्रत्येक स्कूलों में नियुक्त किया जाना है, बावजूद इसके शहरी इलाकों के कई स्कूलों में चार से पांच व अंदरूनी इलाको में केवल एक शिक्षक नियुक्त किया गया है, ऐसे में सीधा सीधा शिक्षा नीति का उल्लंघन किया जा रहा है और गुड़वत्ता को खराब किया जा रहा है.

Advertisements