गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी और कारोबारी अमित किशोर ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कानूनी मोर्चा खोल दिया है. आरोप है कि नगर निगम की लापरवाही और नालियों की सफाई में भ्रष्टाचार के चलते उनकी मर्सिडीज कार गहरे जलभराव में फंस गई और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना के बाद उन्होंने नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को कानूनी नोटिस भेजते हुए मुआवजे और सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, यह मामला 23 जुलाई 2025 की सुबह का है जब भारी बारिश के बाद साहिबाबाद से वसुंधरा मार्ग पर जलभराव की विकट स्थिति उत्पन्न हो गई. अमित किशोर अपनी मर्सिडीज कार से साहिबाबाद थाना क्षेत्र के लाजपत नगर से वसुंधरा जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी गहरे पानी में फंस गई. पानी का स्तर इतना अधिक था कि गाड़ी बंद हो गई और गंभीर यांत्रिक और इलेक्ट्रॉनिक नुकसान हुआ. बाद में क्रेन से कार को निकालकर नोएडा के सर्विस सेंटर भेजा गया, जहां मरम्मत पर करीब 5 लाख रुपये का खर्च आया
करोबारी अमित किशोर ने अपने अधिवक्ता प्रेम प्रकाश के माध्यम से नगर आयुक्त को भेजे गए नोटिस में मरम्मत खर्च की भरपाई, मानसिक पीड़ा के लिए अतिरिक्त 5 लाख रुपये हर्जाने की मांग की है. इसके साथ ही साहिबाबाद, वसुंधरा और आस-पास के क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था में सुधार और नालियों की नियमित सफाई की भी मांग की गई है. नोटिस में नगर निगम से 15 दिनों के भीतर जवाब और कार्रवाई की अपेक्षा जताई गई है. चेतावनी दी गई है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उच्च न्यायालय, लोकायुक्त और अन्य विधिक मंचों पर शिकायत की जाएगी.
अमित किशोर का कहना है कि यह लड़ाई केवल उनकी कार की क्षति की नहीं, बल्कि नागरिक व्यवस्था की विफलता और प्रशासनिक जवाबदेही की है. उन्होंने कहा ‘जब हम टैक्स देते हैं तो हमें सुरक्षित और स्वच्छ शहर मिलना चाहिए’. उनके वकील प्रेम प्रकाश ने भी नगर निगम को चेताते हुए कहा कि यह जनहित का मुद्दा है और लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
नगर निगम ने आरोपों को किया खारिज
हीं, नगर निगम ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और तथ्यहीन बताया है. निगम ने बयान जारी कर कहा कि अमित किशोर एक ‘पेशेवर शिकायतकर्ता’ हैं और यह पूरी कोशिश नगर निगम की छवि धूमिल करने की है. उन्होंने दावा किया कि वाहन दिल्ली नंबर की थी और उसकी तस्वीरों में जलभराव गाड़ी के टायर तक भी नहीं दिख रहा है. साथ ही कार की खराबी को बारिश से जोड़ने का कोई प्रमाण नहीं दिया गया है.
नगर निगम ने आगे कहा कि रिकॉर्ड बारिश के बावजूद समय से नालों की सफाई, ड्रोन मॉनिटरिंग और पंप सेट की व्यवस्था की गई थी, जिससे गाजियाबाद में एनसीआर के अन्य शहरों की तुलना में सबसे कम जलभराव रहा. निगम के अनुसार, लगातार शहरीकरण और अवैध निर्माण से नालों पर दबाव बना है लेकिन वे हर संभव उपाय कर रहे हैं.