मध्य प्रदेश : श्योपुर जिले की कोतवाली थाना पुलिस ने मौत के उन दो सौदागरों को गिरफ्तार कर लिया है.जो लोगों को मौत बांटने के लिए निकले थे.पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि दो सौदागर शहर से बाहर दो प्लास्टिक की कैनो (कैंपर) को लेकर जा रहे हैं.उनमें भारी मात्रा में कच्ची जहरीली शराब है.पुलिस ने मुखबिर के बताए स्थान पर दबिश दी.तो मौत के बो सौदागर पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे पुलिस ने घेराबंदी कर उन सौदागरों को धर दबोचा.
जब पुलिस ने उन सौदागरों से अपना नाम पता पूछा तो एक सौदागर ने अपना नाम राजू उर्फ मुज़क्किर पुत्र मुजफ्फर मुसलमान निवासी बंजारा डैम के ऊपर श्योपुर बताया वही दूसरे सौदागर ने अपना नाम मौजूद पुत्र मकसूद मुसलमान निवासी बड़ा इमामबाड़ा थाना कोतवाली जिला श्योपुर बताया.पुलिस ने दोनों सौदागरों से करीब 121 लीटर जहरीली कच्ची शराब बरामद कर ली.
पुलिस ने दोनों सौदागरों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर न्यायालय पेश कर जेल भेज दिया।पुलिस ने यह भी बताया कि इससे पहले भी यहीं सौदागर लोगों को मौत बांटने का काम कर चुके है.और इन सौदागरों का काम लोगों को मौत बांटने का है.जिससे यह सौदागर अपने परिवार का भरण पोषण करते है.
कैसे बनाई जाती है शराब
शराब बनाने के लिए दो बुनियादी प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है. इनमें पहला है फर्मेंटेशन और दूसरा है डिस्टलेशन. डिस्टलेशन यानि जो तकनीक से बनाई गई शराब, इसके जहरीले होने के चांसेज ना के बराबर होते हैं. जबकि, फर्मेंटेशन के द्वारा बनाई गई शराब कई बार जहरीली हो जाती है. देसी शराब बनाते समय में भी कई बार इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है. फर्मेंटेशन से शराब बनाने के लिए अनाज, फल, गन्ना, महुआ, खजूर, चावल और कई तरह की स्टार्ट वाली चीजों में ईस्ट मिलाकर इन्हें फर्मेंट किया जाता है.
वहीं इसे तेजी से फर्मेंट करने के लिए ऑक्सिटॉक्सिन का भी इस्तेमाल किया जाता है. कई बार इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इसमें नौसादर, बेसरमबेल की पत्तियां और यूरिया भी मिलाया जाता है. इन तमाम चीजों को काफी समय तक मिट्टी में डाला जाता है, इसके बाद इसे भट्टी पर चढ़ाया जाता है और इससे निकलने वाली भाप से शराब तैयार की जाती है. शराब बनाने वाले कई बार शराब को और ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें मेथेनॉल भी मिलाते हैं.
शराब जहरीली कैसे हो जाती है
अब सवाल उठता है कि आखिर शराब जहरीली कैसे होती है. दरअसल, शराब बनाने वाले को भी नहीं पता होता है कि उसकी शराब कब नशीली से जहरीली हो गई. होता यह है कि जब शराब बनाने वाले लोग इसे और ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया, ऑक्सीटॉसिन और मेथेनॉल की मात्रा मिलाते हैं और इससे एक तगड़ी नशीली शराब बनाने की कोशिश करते हैं. इस दौरान कब इन तमाम चीजों की मात्रा बढ़कर इस शराब को एथिल अल्कोहल की बजाय मेथिल अल्कोहल में बदल देती है, इन्हें पता भी नहीं चलता. जैसे ही शराब एथिल अल्कोहल की बजाय मेथिल अल्कोहल में तब्दील होती है, वह जहरीली हो जाती है. जैसे ही यह जहरीली शराब शरीर में जाती है, इसके अंदर मौजूद एल्किल ग्रुप एल्डिहाइड में बदल जाता है और इससे शरीर के अंदर एक फॉर्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड बनता है, जो सीधा आपके दिमाग पर असर करता है. इसी की वजह से जहरीली शराब पीकर लोग अंधे होते हैं और कई बार अपनी जान गंवा देते हैं.
थाना प्रभारी बोले आदतन शराब माफियाओं (मौत के सौदागर)को पुलिस ने गिरफ्तार किया है
कोतवाली थाना प्रभारी सतीश चौहान ने बताया कि एसपी बीरेंद्र जैन के निर्देशन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया के मार्गदर्शन एवं एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता की मॉनिटरिंग में कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. जहां पुलिस टीम ने अवैध शराब/मादक पदार्थ बेचने वाले दो आदतन सौदागरों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.इन सौदागरों से पुलिस ने करीब 121 लीटर जहरीली कच्ची शराब भी बरामद की है.
पहले आरोपी राजू उर्फ मुज़क्किर पुत्र मुजफ्फर मुसलमान निवासी बंजारा डैम के ऊपर श्योपुर को बगवाज रोड़ पुलिया के पास श्योपुर से 56 लीटर और आरोपी मौजूद पुत्र मकसूद मुसलमान निवासी बड़ा इमामबाड़ा थाना कोतवाली जिला श्योपुर को श्योपुर बायपास रोड़ रेलवे क्रॉसिंग के पास से 65 लीटर कच्ची शराब के साथ गिरफ्तार किया है.
थाना प्रभारी सतीश चौहान ने बताया कि आरोपी राजू उर्फ मुज़क्किर पुत्र मुजफ्फर मुसलमान निवासी बंजारा डैम के ऊपर श्योपुर पर कोतवाली थाने में करीब 10 अपराध दर्ज है जिसमें कई अपराध तो कच्ची जहरीली शराब बेचने के चलते आवकारी एक्ट के दर्ज है. वहीं दूसरी ओर मौजूद पुत्र मकसूद मुसलमान निवासी बड़ा इमामबाड़ा थाना कोतवाली जिला श्योपुर पर भी मारपीट, अवैध हथियार, आवकारी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज है.