अवैध प्रवासी भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिका का मिलिट्री विमान आ गया है. ये विमान पंजाब के अमृतसर में गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ है. अमेरिकी सैन्य विमान C-17 में 13 बच्चों समेत 104 अवैध अप्रवासी सवार थे. इनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं.
जानकारी के मुताबिक, विमान में पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, यूपी से 3 और चंडीगढ़ से 2 नागरिक हैं.
अमेरिका से भारतीयों का ये पहला निर्वासन
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और उन्हें वापस भेजा जा रहा है. ये अमेरिका में रह रहे भारतीयों का पहला निर्वासन है.
इससे पहले अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ने सैन एंटोनियो, टेक्सास से उड़ान भरी थी. आज यह विमान दोपहर 1.59 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. भारतीय नागरिकों को लेने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. अमेरिकी दूतावास का एक प्रतिनिधि भी हवाई अड्डे पर मौजूद रहा.
सूत्रों के अनुसार, वापस भेजे गए अधिकांश लोगों को अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर पकड़ा गया है. हालांकि, यह लोग भारत में अपराधी नहीं हैं. इन लोगों ने देश छोड़ने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया. हालांकि, आरोप है कि उन्होंने अवैध डंकी रूट के जरिए अमेरिका में एंट्री करने की कोशिश की.
विमान में सवार होकर आए 104 लोग
चूंकि, गिरफ्तारी का कोई आधार भी नहीं है, क्योंकि उन्होंने भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है. सूत्रों ने बताया कि यदि इन लोगों के पासपोर्ट उपलब्ध नहीं है तो बायोमेट्रिक्स के जरिए पहचान की जा सकती है. इससे पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि सैन्य विमान में लगभग 200 भारतीय सवार हैं, लेकिन बाद में पुष्टि हुई कि विमान में सिर्फ 104 लोग ही सवार हैं.
मंगलवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव का कहना था कि राज्य सरकार प्रवासियों का स्वागत करेगी और हवाई अड्डे पर काउंटर स्थापित करेगी.
राज्य के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा, वो इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. वो अप्रवासियों को वापस भेजने के अमेरिकी सरकार के फैसले से निराश हैं. धालीवाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले इन लोगों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास दिया जाना चाहिए था.
उन्होंने यह भी दावा किया कि कई भारतीय वर्क परमिट पर अमेरिका पहुंचे, लेकिन उनकी अवधि समाप्त होने के कारण वे अवैध अप्रवासी बन गए.