देश में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स में सुधार को लेकर तैयारियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते 15 अगस्त को लाल किले से किए गए ऐलान के बाद से ही तेज हैं, अब आज से जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हो रही है और दो दिवसीय इस बैठक में जीएसटी रेट्स में बदलाव से लेकर चार की जगह दो टैक्स स्लैब को लेकर अंतिम मुहर लगेगी. जीएसटी रिफॉर्म के जरिए सरकार का लक्ष्य दरअसल, टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाना और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा पहुंचाना है. उम्मीद है कि नए बदलाव के बाद रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दूध-पनीर से लेकर टीवी-एसी और कार-बाइक तक की कीमतें कम हो सकती हैं.
जीएसटी सुधारों पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
बता दें कि देश में तमाम अलग-अलग टैक्स को खत्म करते हुए जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. हालांकि, विपक्ष इस गुड्स एंड सर्विस टैक्स को हमेशा से ही ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहकर सरकार पर निशाना साधती रही है, लेकिन केंद्र सरकार इसे आर्थिक सुधार की दिशा में उठाया गया अपना बड़ा कदम करार देती है.
अब इसे और आसान बनाने की तैयारी के तहत इसमें शामिल टैक्स स्लैब की संख्या को घटाने और तमाम रेट्स को युक्तिसंगत बनाने के लिए आज से तमाम प्रस्तावों पर मंथन शुरू हो रहा है. बैठक शुरू होने से पहले मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सुधारों को लेकर बड़ा बयान दिया था और कहा कि इसका लक्ष्य अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खोलना और पारदर्शिता लाना है, जिससे छोटे उद्योगों की बड़ी मदद होगी.
चार स्लैब नहीं, अब रहेंगे सिर्फ दो
केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत आने वाले चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को कम करके 12% और 28% टैक्स को हटाने की की तैयारी की है. मतलब सिर्फ 5% और 18% वाले जीएसटी स्लैब बचेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद हुई मंत्री समूह (GoM) की बैठक में भी 12% और 28% स्लैब को खत्म करने के प्रपोजल को मंजूरी दी जा चुकी है. प्रधानमंत्री ने इस जीएसटी सुधार को देशवासियों के लिए दिवाली गिफ्ट के तौर पर संबोधित किया है. हालांकि, सरकार द्वारा किए जाने वाले जीएसटी रेट्स में इन बदलाव से रेवेन्यू का करीब 40,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान जताया गया है, लेकिन ये देश के आम आदमी के लिए बड़ी राहत भरे सुधार साबित होंगे.
क्या-क्या चीजें हो सकती हैं सस्ती?
जीएसटी रिफॉर्म से जुड़े प्रस्ताव लागू होते हैं, तो फिर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले तमाम सामान सस्ते हो जाएंगे, जिनमें दूध-पनीर, से लेकर नमकीन, साबुन, तेल, कपड़े शामिल हैं, इसके साथ ही स्लैब चेंज होने पर जूते, TV, AC, मोबाइल और कार-बाइक्स के दाम में भी बड़ी कमी देखने को मिल सकती है. प्रस्ताव के तहत जिन सामानों पर जीएसटी स्लैब को 12 फीसदी से कम करते 5 फीसदी के दायरे में लाने की तैयारी यानी इन्हें सस्ता करने का प्लान है, उनमें पैकेज्ड फूड्स जैसे: नमकीन (भुजिया), चिप्स, पास्ता, नूडल्स, जैम, Ketchup, पैकेज्ड जूस, कंडेंस्ड मिल्क, घी, मक्खन, चीज और दूध से बने बेवरेजेस हैं.
जीएसटी की बैठक में जीरो जीएसटी स्लैब के दायरे में भी सरकार द्वारा इजाफा करने की उम्मीद जताई जा रही है और ऐसे में इस लिस्ट में कई रोजमर्रा के जरूरी सामानों को शामिल किया जा सकता है, जो फिलहाल 5% और 18% जीएसटी के दायरे में आते हैं. बीते दिनों आई बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट की मानें, तो इन सामानों में खासतौर पर फूड प्रोडक्ट शामिल होंगे, जिनमें यूएचटी दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड और रोटी को Zero GST स्लैब में लाया जा सकता है. इसके अलावा पराठा भी शामिल हो सकता है, जिस पर 18% जीएसटी लागू है. कोको बेस्ड चॉकलेट, फ्लेक्स, पेस्ट्री से लेकर आइसक्रीम तक पर लागू जीएसटी स्लैब में बदलाव किया जा सकता है और ये 18% से कम करते हुए 5% हो सकता है.
शिक्षा से जुड़े सामान भी हो सकते हैं जीएसटी फ्री
सरकार के पास शिक्षा से जुड़ी तमाम चीजों को भी जीएसटी से फ्री करने का भी प्रस्ताव है. काउंसिल की बैठक में मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्रों, ग्लोब, मुद्रित शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर के साथ ही प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक को जीएसटी से छूट मिल सकती है, जिनपर अभी 12% टैक्स लागू है.
इसके साथ ही हैंडलूम प्रोडक्ट्स, ₹1,000 से कम के जूते, सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट पर लागू रेट्स को घटाने का प्रस्ताव है, तो अभी तक 28% से 18% स्लैब पर जाने वाली बड़ी वस्तुएं इलेक्ट्रॉनिक्स व घरेलू उपकरण के रेट बदल सकते हैं, जिससे एसी (AC), टेलीविजन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मोबाइल फोन के दाम घट सकते हैं. छोटी कारें, दोपहिया वाहन के शुल्क में लगभग 10% की कटौती (28% से 18%) पर फैसला लिया जा सकता है.