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मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि समाप्त, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

टेंडर कमीशन घोटाला मामले में मंत्री आलमगीर आलम की 14 दिनों की रिमांड अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई. 14 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें सीधे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

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आलमगीर आलम को गिरफ्तार करने के बाद ED की टीम ने पहले 6 दिनों की रिमांड ली, 6 दिनों की रिमांड पर पूछताछ के बाद फिर 5 दिनों की रिमांड अवधि ली गई. 11 दिनों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद ED की टीम ने एक बार फिर तीन दिनों की रिमांड ली.

तीन दिनों की रिमांड अवधि भी गुरुवार को समाप्त हो गई. ऐसे में 14 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ED की टीम के पास आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए समय मांगने का कोई विकल्प नहीं बचा. क्योंकि नियमानुसार ईडी किसी को भी अधिकतम 14 दिनों तक रिमांड पर रख सकती है.

आलमगीर आलम का पक्ष रख रहे उनके वकील किसलय प्रसाद ने बताया कि 14 दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध कोर्ट से किया गया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने कोर्ट से मांग की कि मंत्री आलमगीर आलम शारीरिक रूप से बीमार हैं. 74 वर्ष की उम्र होने के कारण उन्हें कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए जेल में प्रोटोकॉल के तहत जो भी सुविधाएं हैं, वो सारी सुविधाएं उन्हें मुहैया कराई जाएं. उन्होंने जेल के अंदर मंत्री आलमगीर आलम को मेडिकल सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया. जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.

इसके अलावा आलमगीर आलम के बेल को लेकर वकील किसलय प्रसाद ने कहा कि आगे की प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई की जा रही है. जेल जाने के बाद अब जमानत की प्रक्रिया पर काम किया जाएगा. मालूम हो कि 16 मई को टेंडर कमीशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था. उनके पूर्व ओएसडी संजीव लाल और उनके सहायक जहांगीर के घर से बरामद 35 करोड़ रुपये में मंत्री की संलिप्तता का आरोप लगाया गया है.

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