सिद्धार्थनगर: प्रदेश सरकार जहां किसानों को खाद की निर्बाध आपूर्ति का दावा कर रही है, वहीं ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है. सोमवार शाम प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने लोटन, सिकरी और बर्डपुर क्षेत्र की कई सहकारी समितियों और खाद दुकानों का औचक निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने स्टॉक व वितरण रजिस्टर देखे, किसानों से फोन पर बात की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी किसान को खाद के लिए परेशान न होना पड़े. इसके बाद जेल रोड स्थित PWD रेस्ट हाउस में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने डीएम डॉ. राजा गणपति आर को निर्देशित किया कि निजी और सहकारी दुकानों को नियमानुसार खाद आवंटित किया जाए और नियमित मॉनिटरिंग हो. साथ ही चेतावनी दी कि कालाबाजारी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
किसानों का आरोपः गोदामों में स्टॉक दिखाते, खेप नेपाल भेजते
मंत्री के निरीक्षण के बाद किसानों ने कृषि विभाग पर गंभीर आरोप लगाए. किसानों का कहना है कि गोदामों में स्टॉक दर्ज किया जाता है और रजिस्टर भर दिए जाते हैं, लेकिन रातों-रात ट्रैक्टर और पिकअप से यूरिया की खेप नेपाल भेज दी जाती है.
नेपाल में यूरिया से शराब बनाने की भारी मांग है. किसानों ने आरोप लगाया कि “सरकार कहती है यूरिया उपलब्ध है, लेकिन हम लाइन में खड़े रह जाते हैं और यूरिया नेपाल में बिक जाती है. यह किसी एक दुकानदार का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम का खेल है.”
अधिकारी भी घेरे में
किसानों ने जिला कृषि अधिकारी मोहम्मद मुजम्मिल की भूमिका पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि विभाग के अधिकारी रोजाना रजिस्टर सत्यापित करते हैं, फिर भी तस्करी थम नहीं रही. किसानों ने पूछा कि अगर यह सब विभाग की जानकारी के बिना हो रहा है तो जांच किसकी लापरवाही पर होगी.
हाल ही में जिलाधिकारी ने पांच दुकानों पर कार्रवाई की थी और एक का लाइसेंस तक निरस्त कराया था. लेकिन इसके बावजूद कालाबाजारी का सिलसिला जारी है.
किसानों की प्रमुख मांगे
जिला कृषि अधिकारी की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच.
सीमावर्ती क्षेत्रों पर यूरिया ले जा रहे वाहनों की नियमित चेकिंग.
सभी खाद दुकानों की दिन में कम से कम एक बार मॉनिटरिंग.
कालाबाजारी में लिप्त दुकानदारों और अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई.