मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने के बाद पहली बार शहडोल में सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। वे ब्यौहारी में आयोजित जनजातीय कोल महाकुंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पहली बार सार्वजनिक मंच साझा करेंगे।
इससे पहले सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में शाह ने बयान मामले में कोई कमेंट करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- अभी तक एसआईटी से नोटिस नहीं मिला है। वे जांच में सहयोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यहां 80 करोड़ रुपए की लागत के 55 विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। साथ ही 250 करोड़ रुपए के 52 विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे।
कार्यक्रम में मंत्री शाह का बैनर, पोस्टर नहीं कोल जनजातीय सम्मेलन जनजातीय विभाग मंत्रालय द्वारा कराया गया है। बावजूद विवादों में घिरे मंत्री विजय शाह का फोटो पोस्टर में नहीं लगाया गया है। कार्यक्रम का आयोजन उन्हीं के विभाग द्वारा किया जा रहा है। मुख्य मंच के अलावा अन्य स्थानों पर भी प्रधानमंत्री मोदी और सीएम यादव के पोस्टर हैं। मंत्री शाह के बैनर या पोस्टर नहीं लगाए गए हैं।
जानिए विवादित बयान केस में अबतक क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान SIT ने मांगा था समय 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। जस्टिस जेजे सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामला सुना। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- SIT ने 21 मई को जांच की, वो बयान देने वाली जगह गई थी। मोबाइल समेत कुछ सबूत भी इकट्ठा किए गए। गवाहों के बयान लिए गए। जांच अभी शुरुआती चरण में है। हाईकोर्ट से हमारी रिक्वेस्ट है कि वो हमारे साथ-साथ सुनवाई न करे।
SIT ने तय तारीख को जांच रिपोर्ट पेश कर दी। SIT ने कुछ और समय मांगा है। इस मामले की सुनवाई अब जुलाई के पहले हफ्ते में होगी।
SC में सॉलिसिटर जनरल ने कहा- जांच जारी है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि पिछले आदेश के अनुसार शाह के मामले की जांच के लिए 3 अधिकारियों वाली एक विशेष जांच टीम गठित की गई है। इस मामले में जांच अभी जारी है।
सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी ने स्टेटस रिपोर्ट पर कहा है कि एसआईटी ने 21 मई को घटनास्थल पहुंचकर जांच की। इसके बाद कुछ और सामग्री एकत्र की गई, मोबाइल फोन जब्त किए। गवाहों के भी बयान लिए हैं। इस मामले से जुड़े गवाहों के बयान के वीडियो भोपाल एफएसएल को भेजे गए थे। लेकिन, संसाधनों की कमी के चलते वीडियो बिना जांच के वापस आ गए हैं।
एसआईटी की ओर से कहा गया कि जांच प्रारंभिक चरण में है, इसलिए और समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्देश के साथ पुनः सूचीबद्ध किया कि जांच जारी रहेगी और अगली तिथि से पहले एक और स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में रखी जाएगी।
मंत्री विजय शाह से SIT ने नहीं की पूछताछ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही हुआ था। इसमें तत्कालीन IG सागर रेंज (वर्तमान में IG जबलपुर) प्रमोद वर्मा, DIG SAF कल्याण चक्रवर्ती और SP डिंडौरी वाहिनी सिंह शामिल हैं। मंत्री विजय शाह की मानें, तो अभी तक एसआईटी ने शाह से पूछताछ नहीं की है।
हाईकोर्ट के आदेश पर शाह के खिलाफ FIR हुई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।