उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और पूर्व IPS अधिकारी असीम अरुण ने एक बार फिर अनुशासन और नियमप्रियता की मिसाल पेश की है. अपने वाराणसी दौरे के दौरान उन्हें प्रोटोकॉल में एक नीली बत्ती लगी गाड़ी उपलब्ध कराई गई, जिसे उन्होंने तुरंत अस्वीकार कर दिया और कार्रवाई के लिए खुद पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख डाला.
दरअसल, असीम अरुण ने पत्र में स्पष्ट कहा कि यह गाड़ी बिना अधिकृत अनुमति के नीली बत्ती का इस्तेमाल कर रही थी, जो नियमों के खिलाफ है. उन्होंने न केवल ऐसे वाहनों का चालान करने की बात कही, बल्कि पुलिस अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी कोई भी अवैध बत्ती वाली गाड़ी सरकारी प्रोटोकॉल में न भेजी जाए.
यह घटना सोमवार को असीम अरुण के वाराणसी दौरे के दौरान हुई. जैसे ही उन्होंने नीली बत्ती लगी गाड़ी देखी, उन्होंने उसका उपयोग करने से इनकार कर दिया. मंत्री ने प्रशासन को यह संदेश दिया कि कानून सभी के लिए बराबर है और नियमों की अवहेलना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं. उनकी इस कार्रवाई की प्रशंसा हो रही है.