कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादी की बहन बताकर मोहन सरकार के वन मंत्री विजय शाह विवादों में बुरी तरह घिर गए हैं। बयान को लेकर मंत्री शाह को पार्टी के आला अधिकारियों को भी सफाई देनी पड़ी है। बावजूद इसके उनके इस्तीफे की मांग उठने लगी है।
गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में वन अधिकार अधिनियम को लेकर संभाग स्तरीय कार्यशाला रखी गई, जहां पोस्टर्स में विजय शाह की बड़ी सी मुस्कुराती तस्वीर थी। उस दौरान कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों की नजर मंत्री शाह की तस्वीर पर पड़ी तो माहौल बदल गया।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अधिकारियों ने तत्काल पोस्टर से उनकी तस्वीर हटाने के निर्देश दिए। आनन-फानन में स्टाफ ने शाह की तस्वीर पर सफेद फ्लेक्स चिपका दिया। बाद में उक्त स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को चस्पा किया गया। सुबह 11 बजे वन अधिकार अधिनियम को लेकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
आयोजन प्रदेश सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने किया था। पोस्टर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री विजय शाह की तस्वीर नजर आ रही थी। पोस्टर में मंत्री शाह की बड़ी सी मुस्कुराती तस्वीर थी। कुछ लोगों ने आपत्ति उठाई और मंत्री शाह की तस्वीर पोस्टर पर क्यों है, तो अफसरों ने तुरंत कार्रवाई की।
इस घटना ने साफ कर दिया कि मंत्री शाह अब सिर्फ जनता की नजरों से ही नहीं, बल्कि सरकारी कार्यक्रमों से भी दूर किए जा रहे हैं। अफसर भी उनके साथ सार्वजनिक रूप से जुड़ना नहीं चाह रहे। भले ही उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन उनकी स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है।
संभागीय कार्यशाला शुरू
वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन और सामुदायिक वन अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए गुरुवार से दो दिनी संभागीय कार्यशाला की शुरुआत ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई। इसमें वन समितियों की भूमिका को लेकर भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने ग्रामीणों को जंगल की जमीन पर अतिक्रमण रोकने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जंगल में ग्रामीणों को वन अधिकार के अंतर्गत पट्टे दिए जाते हैं।
सिर्फ खेती करने में भूमि का उपयोग करें, जबकि कुछ पट्टे से लगी जमीन पर भी अतिक्रमण करते हैं, यह बिलकुल गलत है। शुभारंभ जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा और संभागायुक्त दीपक सिंह ने किया। सचिव बामरा ने बताया कि राज्य शासन वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है।