गुजरात के सूरत जिले में चल रहे नवरात्रि उत्सव के दौरान एक नाबालिग लड़की के साथ तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया है. मंगलवार की रात करीब 11 बजे पीड़िता अपने एक दोस्त के साथ बाहर गई थी. पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 70-बी, 115-बी, 54, 309-4 और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
पुलिस अधीक्षक हितेश जॉयसर ने बताया कि जिले के कोसांबा थाना क्षेत्र के मंगरोल तालुका के एक गांव के बाहरी इलाके में एक सुनसान जगह पर 17 वर्षीय लड़की के साथ यौन उत्पीड़न किया गया. यह अपराध कुछ दिनों पहले वडोदरा के बाहरी इलाके में एक किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने के बाद हुआ, जब वो अपने दोस्त के साथ बाहर गई थी. उस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसपी ने बताया, “नाबालिग लड़की कोचिंग करने के बाद अपने दोस्तों से मिलने गई थी. मंगलवार की रात करीब 10.30 बजे उसने अपने दो दोस्तों के साथ आइसक्रीम खाई. इसके बाद वो अपने एक दोस्त के साथ मोटा बोरसारा गांव के पास हाईवे पर पेट्रोल पंप के रास्ते में एक सुनसान जगह पर बैठ गई. उसी समय तीन लोग उनके पास आए. उन लोगों ने लड़की को पकड़ लिया, जबकि उसका दोस्त उसे छोड़कर भाग गया.
इसके बाद तीनों आरोपियों ने बारी-बारी लड़की के साथ बलात्कार किया. उसका मोबाइल फोन लेकर मौके से फरार हो गए. पीड़िता के दोस्त ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है. एक मोटरसाइकिल जब्त कर ली गई है और दो आरोपियों की पहचान कर ली गई है. एसपी ने कहा कि एक बार दो आरोपी पकड़ लिया जाएं, तो तीसरे तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौके से भागने के बाद लड़की के दोस्त ने स्थानीय लोगों को इसकी सूचना दी, जो आधे घंटे के भीतर इलाके में पहुंच गए. तलाशी अभियान शुरू कर दिया. इस बीच पुलिस को भी सतर्क कर दिया गया. इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षक समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंच गए. इस के लिए दस से अधिक टीमें बनाई गई हैं.
पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीमों को भी लगाया गया है. तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 70-बी (18 वर्ष से कम उम्र की महिला से सामूहिक बलात्कार), 115-बी (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 54 (अपराध के समय उकसाने वाले की मौजूदगी) और 309-4 (लूट के प्रयास में चोट पहुंचाना) के साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज है.
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