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पुणे हिट एंड रन केस में रिमांड होम भेजा गया नाबालिग,रद्द हुई जमानत

मुंबई: पुणे हिट एंड रन केस इस समय सुर्खियों में है. इस मामले में फिर से एक और नया मोड़ आ गया है. जिस नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट से गिरफ्तारी के 15 घंटे के अंदर जमानत मिल गई थी, उसे अब रिमांड होम भेजा जा रहा है. नाबालिग आरोपी को 5 जून तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. इसी बीच जुवेनाइल कोर्ट फैसला भी सुना सकती है. नाबालिग आरोपी को रिमांड होम भेजने के लिए कागजी कार्रवाई की जा रही है. आज ही आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को भी तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

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पुणे में चार दिन पहले बिल्डर विशाल अग्रवाल के बेटे वेदांत अग्रवाल ने पार्टी से लौटते समय अपनी पोर्श कार से साफ्टवेयर इंजीनियर युवक-युवती की बाइक की टक्कर मार दी थी. हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. हादसे के वक्त वेदांत शराब के नशे में कार ड्राइव कर रहा था. लोगों ने मौके पर उसकी जमकर पिटाई भी की थी और पुलिस के हवाले कर दिया था. हालांकि पुलिस पर शुरुआत में मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगा, जिस वजह से आरोपी को 15 घंटे के अंदर ही जमानत मिल गई थी.

बेटा तो फंसा ही, बिल्डर पिता भी लपेटे में आए

आरोपी को जमानत मिलने के बाद जब विवाद बढ़ा तो पुलिस एक्टिव हुई. पुलिस ने पहले तो आरोपी के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल को संभाजीनगर से हिरासत में लिया. फिर पब के मालिक और मैनेजर को भी गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को विशाल अग्रवाल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. विशाल इस बात को जानता था कि उसका बेटा शराब पीने का आदी है और सही ढंग से उसे कार ड्राइव करना भी नहीं आता, फिर भी पार्टी में जाने के लिए उसे अपनी दो करोड़ की पोर्श कार दे दी.

फिलहाल नाबालिग को रिमांड होम ले जाया गया है, जहां पर कागजी कार्यवाही चल रही है. जैसे ही कागजी कार्यवाही पूरी हो जाएगी, नाबालिग को गेट के अंदर कर दिया जाएगा. कोर्ट के पेपर रिमांड होम के अधिकारी को सुपुर्द किए जाएंगे. रिमांड होम भेजने का सीधा मतलब है कि नाबालिग को जो पहले जमानत दी गई थी, वह रद्द कर दी गई थी. अब इस मामले में कोर्ट में नए सिरे से सुनवाई की जा सकती है.

आरोपी की जमानत की शर्तें सुर्खियों में रहीं

हादसे के बाद जब नाबालिग आरोपी को पकड़ा गया और उसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश भी किया गया तो गिरफ्तारी के 15 घंटे के अंदर ही उसे जमानत भी मिल गई थी. कोर्ट ने जिन शर्तों पर उसे जमानत दी, वह काफी सुर्खियों में रही. कोर्ट ने आरोपी को यरवदा मंडल पुलिस के साथ मिलकर 15 दिन ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करने, रोड सेफ्टी पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, नशे की लत के लिए काउंसलिंग कराने को कहा था.

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