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नाबालिग युवक ने पोर्श कार से दो को कुचला, कोर्ट से मिली निबंध लिखने की सजा, जमानत की शर्ते पढ़ घूम जाएगा सिर

मुंबई: महाराष्ट्र के पुणे में एक अमीर रईशजादे ने कार से कुचलकर दो इंजीनियरों की जान लें ली. इस हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके एक साथी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया लेकिन उसे चंद घंटे में ही कोर्ट में जमानत दे दी. हैरानी की बात तो यह है कि कोर्ट ने सजा के तौर पर उसे निबंध लिखने को कहा.

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बताया जा रहा है कि नाबालिग का संबंध पुणे के मशहूर बिल्डर से हैं. इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा के तौर पर हुई थी. दोनों राजस्थान के हैं. ये एक्सीडेंट रविवार देर रात करीब 2.30 बजे हुआ था. हादसे के बाद आरोपी ने भागने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी और फिर पुलिस को सौंप दिया.

कोर्ट ने इन चार शर्तों पर आरोपी को दी जमानत

1-आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक कांस्टेबलों के साथ ट्रैफिक पुलिस की मदद करनी होगी.
2- आरोपी को मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा.
3. अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी.
4- कोर्ट ने आरोपी को सजा के तौर पर ‘सड़क दुर्घटना के प्रभाव और उनके समाधान’ विषय पर कम से कम 300 शब्दों पर निबंध लिखने का आदेश दिया है.

जानकारी के मुताबिक हादसे में जिन दो लोगों की मौत हुई है, वह राजस्थान के रहने वाले हैं. घटना की रात दोनों नजदीकी पब से लौट रहे थे. वहीं घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि, “मैं रिक्शा लेकर खड़ा था. लड़का-लड़की बाइक से थे और रोड क्रॉस कर रहे थे तभी अचानक पॉर्श कार फुल स्पीड में आई और उसने दोनों को उड़ा दिया. लड़की हवा में 10 फीट तक उछल गई और लड़के की पसलियां टूटने के कारण वह हिल नहीं पा रहा था. पोर्श कार में तीन लड़के थे. उनमें से एक भाग गया. बाद में पुलिस आई और सभी को हिरासत में लिया. तीनों ने शराब पी थी और कार की स्पीड तकरीबन 200-240 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी.”

टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही मिल गई जमानत

आरोपी नाबालिग के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (लापरवाही) के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस को शक है कि आरोपी गाड़ी चलाते समय शराब पी रहा था. इसके लिए उनके खून की जांच की गई. हालांकि, इस टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी. वहीं इस मामले में आरोपी पिता विशाल अग्रवाल के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम 1988 धारा 3, 5, 199-A के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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