केदारनाथ यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं के साथ ऐसी घटना घटी, जिसे देखकर अन्य भक्त भी दंग रह गए. गुरुवार को महाराष्ट्र से केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों की दो साल बच्ची करीब 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई. इसके बाद जब परिजनों के साथ अन्य लोग खाई में उतरे तो बच्ची को कुछ भी नहीं हुआ. हालांकि, सिर्फ बच्ची के सिर पर हल्की चोटें आई थी. यह देखकर भक्त हैरान हो गए और बाबा केदार की शक्ति के साथ भक्ति को भी मान गए.
बता दें, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की पैदल दूरी करीब 19 किलोमीटर है. गौरीकुंड से बाबा केदार के भक्त घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी का सहारा लेते हैं, जबकि कुछ भक्त ऐसे भी होते हैं, जो बाबा के प्रति सच्ची आस्था को रखते हुए पैदल यात्रा करते हैं. ऐसे भक्तों पर बाबा केदार की हमेशा से ही कृपा बनी रहती है. ऐसा ही चमत्कार गुरुवार को केदारनाथ धाम में देखने को मिला.
महाराष्ट्र से केदारनाथ यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों की दो साल की बच्ची केदारनाथ धाम से कुछ पहले ही 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई. यह घटना देख आसपास मौजूद श्रद्धालु भी खाई में उतरने लगे. परिजनों के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं ने जब बच्ची को देखा तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई. घटना में दो साल की बच्ची के सिर्फ सिर पर हल्की चोटें आई थी. बाकी जगह कोई चोट का निशान नहीं था.
जब परिजन बच्ची को लेकर स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय केदारनाथ पहुंचे तो उपचार के बाद डॉक्टरों ने भी बच्ची को स्वस्थ बताया. यह सब देखकर परिजन भी हैरान रह गए. उनकी आंखों से आंसू बहने लगे. उन्होंने बाबा केदारनाथ के जोर-जोर से उद्घोष लगाने शुरू कर दिए. उनका कहना था है कि केदारनाथ में अथाह और अपार शक्ति है.
वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में बाबा दर पर पहुंच रहे भक्त अपने परिजनों से बिछड़ रहे हैं. खासकर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ज्यादा भीड़भाड़ होने से छोटे बच्चे अपने परिजनों से बिछड़ रहे हैं, ऐसे में पुलिस और डीडीआरएफ की टीम पूरी तत्परता से कार्रवाई कर परिजनों से बिछड़े बच्चों से मिला रही है.
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इंदौर की तीर्थयात्री मुस्कान अग्रवाल अपने पति और दो साल की बेटी हीनल अग्रवाल के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग पर जा रहे थे. परिजनों ने बच्ची को हाॅकर के पास दिया था और छोटी लिनचोली के पास शाॅर्टकट के चक्कर में मुस्कान अग्रवाल और उनके पति हाॅकर से बिछड़ गए. जिस कारण उनकी बेटी भी उनसे बिछड़ गई.
आगे जाकर महिला अपनी बेटी को अपने आसपास न देखकर रोने-बिलखने लगी. जिस पर उधर से गुजर रहे सेक्टर अधिकारी राहुल कुमार ने उनसे रोने का कारण जाना. सेक्टर अधिकारी लिनचोली राहुल कुमार ने बताया कि बच्ची के बिछड़ने के बाद सेक्टर अधिकारी केदारनाथ और हेलीपैड से संपर्क किया गया, लेकिन बच्ची बड़ी लिनचोली के पास ही मिल गई. जिसे उसके माता-पिता को सौंप दिया गया. बच्ची को अपने पास पाकर माता-पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने अपनी बिछड़ी बेटी से मिलाने के लिए जिला प्रशासन की टीम का आभार जताया.
रुद्रप्रयाग डीएम सौरभ गहरवार ने कहा कि केदारनाथ धाम करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. कपाट खुलने के बाद यहां आने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. भक्त डंडी-कंडी, पालकी, घोड़ा-खच्चर के साथ ही हेली का सहारा ले रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी भक्त हैं, जो पैदल यात्रा कर रहे हैं. पैदल चल रहे तीर्थयात्रियों के साथ ही घोड़ा-खच्चर में यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों के साथ घटनाएं हो रही है.
बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद से कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई है. दो साल के बच्ची के खाई में गिरने के बाद हल्की चोटें आई हैं. डॉक्टरों ने भी बच्ची को स्वस्थ बताया है. इसके अलावा यात्रा मार्ग पर बिछड़ रहे बच्चों को भी तत्परता से परिजनों से मिलाया जा रहा है. यात्रा को कंट्रोल में रखने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं.