धमतरी : जिले के कुरूद ब्लॉक से करीब 10 किलोमीटर दूर गाड़ाडीह गांव के किसान रमनलाल साहू इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं.रमनलाल अपने खेत में 6 फीट लंबी लौकी, 3 फीट लंबी बरबट्टी और 5 किलो तक के बैंगन उगा रहे हैं. उनकी विशेष किस्म की सब्जियां देखने के लिए लोग दूर-दूर से खेत में पहुंच रहे हैं.
सात साल से छोड़ दी रासायनिक खेती
42 वर्षीय रमनलाल ने बताया कि उन्होंने करीब सात साल पहले रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग बंद कर दिया। अब वे केवल जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता को 2017 में बीपी, शुगर और लकवे जैसी बीमारियां हो गई थीं. डॉक्टरों ने खानपान को बीमारियों की वजह बताया। तभी उन्होंने जैविक खेती का रास्ता चुना.
मोबाइल दुकान छोड़कर अपनाई खेती
रमनलाल पहले मोबाइल की दुकान चलाते थे, लेकिन पिता की देखभाल और बार-बार अस्पताल ले जाने के कारण उन्होंने दुकान बंद कर खेती शुरू कर दी. शुरुआत में मुश्किलें आईं, मगर अब पूरा परिवार उनके साथ है. उन्होंने कहा कि जैविक खेती से परिवार को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिल रहा है और सभी का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है.
दूसरों की जमीन पर भी कर रहे खेती, 4 लाख सालाना कमाई
रमनलाल ने बताया कि अपनी जमीन के साथ-साथ अब वे लीज पर जमीन लेकर भी खेती कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दो सालों में सब्जियों की खास किस्में उगाना शुरू किया, जिससे धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ा. आज जैविक खेती से उन्हें धान और सब्जियों से लगभग 4 लाख रुपये सालाना कमाई हो रही है. उनकी मेहनत और प्राकृतिक तरीके से की जा रही खेती अब गांव और आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है.