चमत्कार या श्रद्धा की ताक़त? विराट कोहली की जीत के पीछे ‘हनुमानगढ़ी दर्शन’ और बाबा नीम करोली का आशीर्वाद!

अयोध्या: 25 मई की दोपहर अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में जब क्रिकेट के बादशाह विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने पूजा-अर्चना की, तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह यात्रा उनके जीवन का एक बेहद भावुक और ऐतिहासिक मोड़ बन जाएगी. विराट कोहली ने 18 साल के लंबे इंतजार के बाद पहली बार IPL ट्रॉफी अपने नाम की और इस जीत को लेकर एक खास बात यह है कि इसमें अध्यात्म की छाया भी झलक रही है.

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विराट और अनुष्का पिछले कुछ वर्षों से बाबा नीम करोली महाराज के परम भक्त बने हुए हैं. नैनीताल के कैंची धाम में उनका लगातार जाना, ध्यान, भजन और कीर्तन में भाग लेना अब किसी से छुपा नहीं है. बाबा नीम करोली को हनुमान जी का अवतार माना जाता है, जिनके बारे में यह प्रसिद्ध है कि उन्होंने अपने भक्तों की पीड़ा दूर करने के लिए चमत्कारी तरीके अपनाए, लेकिन कभी कोई दिखावा नहीं किया.

हनुमानगढ़ी के दर्शन और जीत का चमत्कारी संयोग

25 मई को अयोध्या दौरे के दौरान विराट और अनुष्का ने रामलला के साथ हनुमानगढ़ी के भी दर्शन किए। अयोध्या के लोगों का कहना है कि मंगलवार को फाइनल होना, हनुमान जी का दिन होना और उसी दिन विराट की टीम का विजयी होना — ये कोई सामान्य संयोग नहीं है. विराट कोहली की जर्सी का नंबर 18 है, जिसका जोड़ 9 होता है, और अंकज्योतिष में 9 अंक को हनुमान जी से जोड़ा गया है. IPL फाइनल की तारीख 28 मई थी. 2+8 = 10 = 1+0 = 1, परंतु उस सप्ताह का मंगलवार हनुमान जी का दिन था — जो विराट की आस्था से जुड़ा था.

कई भक्त इसे सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि आध्यात्मिक विजय मान रहे हैं। उनका मानना है कि विराट कोहली पर बाबा नीम करोली महाराज और हनुमान जी की विशेष कृपा है, जिसके कारण वे इस मुकाम तक पहुंचे.

संकट काल में साधना बनी संबल

कुछ साल पहले विराट कोहली का करियर एक कठिन दौर से गुजर रहा था। रन नहीं बन रहे थे, आलोचनाएं चरम पर थीं और मीडिया में उनकी फॉर्म को लेकर सवाल उठ रहे थे। ऐसे समय में विराट और अनुष्का दोनों ने आध्यात्म की ओर रुख किया। नीम करोली बाबा के आश्रम में समय बिताना, ध्यान करना, और कीर्तन में भाग लेना — ये सब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया.

विराट के एक वीडियो में भी उनकी फोन स्क्रीन पर नीम करोली बाबा की तस्वीर देखी गई थी, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि वे बाबा को सिर्फ पूजते ही नहीं, बल्कि हमेशा अपने साथ रखते हैं.

प्रेमानंदजी महाराज का आशीर्वाद और वृंदावन यात्रा

अयोध्या यात्रा से पहले विराट और अनुष्का ने वृंदावन में प्रसिद्ध संत प्रेमानंदजी महाराज से भी आशीर्वाद लिया. वहां भी दोनों ने सादगी से माथा टेका और ध्यान लगाया। यह यात्राएं न सिर्फ उनके लिए एक आस्था का अनुभव बनीं, बल्कि उन्होंने मानसिक और आत्मिक ऊर्जा भी दी.

फैन्स में भी जगी श्रद्धा

विराट कोहली के इस आध्यात्मिक पहलू को देखकर उनके कई प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए कि “बाबा नीम करोली महाराज की कृपा से विराट की तक़दीर बदल गई।” कोई कहता है, “हनुमानगढ़ी के दर्शन ने बना दिया चैंपियन,” तो कोई लिखता है — “यह सिर्फ खेल नहीं, यह ईश्वर की लीला है.”

उनकी इस जीत को लेकर सोशल मीडिया पर ‘#HanumanKripaOnKohli’ और ‘#NeemKaroliBabaBlessings’ जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे. भारत ही नहीं, विदेशों में भी लोग अब विराट की जीत को आध्यात्मिकता से जोड़ रहे हैं.

क्या यह सिर्फ संयोग है?

कई लोग इसे महज़ एक संयोग मान सकते हैं, लेकिन जब हर दिशा से अध्यात्म के संकेत मिलते हैं — चाहे वह अंक ज्योतिष हो, धार्मिक यात्रा हो या ईश्वर पर अटूट विश्वास — तो यह संयोग से कहीं ज़्यादा प्रतीत होता है। विराट की मेहनत और संघर्ष तो अपने आप में बेमिसाल है ही, लेकिन जब उसका साथ आस्था देती है, तो नतीजे असाधारण हो जाते हैं.

एक खिलाड़ी से प्रेरणा बनने तक

विराट कोहली अब सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं रहे। उन्होंने यह दिखा दिया कि जब कठिनाई आए, तो शक्ति सिर्फ मैदान पर नहीं, मन के भीतर भी चाहिए. उनका नीम करोली बाबा और हनुमान जी पर विश्वास कई लोगों को यह सिखा रहा है कि आध्यात्मिकता आधुनिक जीवन में भी कितनी ज़रूरी है.

विराट कोहली की IPL ट्रॉफी जीत ने न सिर्फ खेल प्रेमियों को खुशी दी, बल्कि देशभर में एक नई चर्चा भी शुरू की- क्या यह सिर्फ एक खिलाड़ी की मेहनत का परिणाम है या फिर उसमें छुपा है हनुमान जी और बाबा नीम करोली का अदृश्य आशीर्वाद? जो भी हो, यह तय है कि विराट की जीत ने आध्यात्मिकता और खेल के बीच एक खूबसूरत पुल बना दिया है.

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