मिर्ज़ापुर: सरिया मोड़ने वाले पीलर पर पत्थर रख फैलाया गया शिवलिंग होने का अफवाह, हलिया के मनिगढ़ा में माहौल खराब करने का प्रयास

मिर्ज़ापुर: जिले के अंतिम छोर पर स्थित हलिया के मनिगढ़ा गांव स्थित यूपी-एमपी बार्डर के जडकुड में माहौल बिगाड़ने का कुत्सित प्रयास किया गया. समय रहते मौके पर पुलिस-प्रशासन के पहुंच जाने और उनकी सूझ-बूझ से स्थिति नियंत्रित हुई है. बताते चलें कि मिर्जापुर जिले के
हलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिगढ़ा गांव से लगने वाले यूपी-एमपी बार्डर के (संगम बार्डर) जडकुड में सड़क किनारे पूर्व में पुलिया निर्माण के दौरान लोहे की सरिया मोड़ने के लिए पीलर बनाया गया था. जिसमें से निकले सरिया को देख साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह क्या और किस लिए बनाया गया है.

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बावजूद इसके शिवलिंग होने का अफवाह फैला कुछ लोगों ने ग्रामीणों को उकसाकर भीड़ जमा करा इसे धार्मिक रंग देने का प्रयास किया. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों गांव में हुए विवाद के उपरांत एक सोची समझी रणनीति के तहत उस पीलर पर पर बालू में से निकले गोल पत्थर को उसी पीलर पर रख शिवलिंग होने का अफवाह प्रचारित कर दिया गया. सोशल मीडिया पर एक युवक बाकायदा इसके आगे हाथ जोड़ खड़े होकर पोस्ट करता है.

 

मंगलवार को सुबह शिवलिंग को किसी के द्वारा वहां से गायब कर दिये जाने का अफवाह प्रचारित किया गया, जो था ही नहीं. मंगलवार को सुबह होने पर इसको हवा देकर मामले को तनाव पूर्ण करार देकर मौके पर भीड़ जुटाकर विवाद खड़ा करना चाहा गया। जिसके बाद मौके पर काफी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगना शुरू होता गया. वाद-विवाद चल ही रहा था कि इसी बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. सूचना पर पहुंची इलाकाई थाना पुलिस ने पहले तो लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन स्थिति गंभीर देख उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए आसपास के थानों की पुलिस को भी बुला लिया, जिसके बाद पुलिस की सख़्ती देख लोग खिसकते बने हैं.

जानकारी होने पर मौके पर उपजिलाधिकारी लालगंज, तहसीलदार लालगंज, अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ लालगंज, थानाध्यक्ष हलिया, ड्रमंण्डगंज पुलिस फोर्स मौके पर तैनात रहे. पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने मौके का मौका मुआयना करने के साथ सख्त हिदायत दी है कि यदि किसी ने शांति व्यवस्था में खलल डालने का प्रयास किया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

मंगलवार को हलिया थाना क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव से लगने वाले उत्तर प्रदेश-मध्यप्रदेश सीमा पर शिवलिंग होने के नाम पर भीड़ जुटाकर धार्मिक रंग देते हुए माहौल खराब करने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस प्रशासन के सूझ-बूझ से भले ही यह विफल रहा है, लेकिन बड़ा सवाल इस बात का है कि आखिरकार इसको हवा देने का काम किसने किया? बताया जा रहा है कि इन दिनों मनिगढ़ा गांव में गांव के विकास कार्य में गड़बड़झाला और भ्रष्टाचार को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है तो वहीं स्वयं-भू प्रधान की भूमिका भी जांच के दायरे में है.

कुछ ग्रामीण नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताते हैं कि गांव में धरातल पर विकास कार्य न कराकर कागजों में चकाचक दिखाकर लाखों का गमन हुआ है, जिसकी निष्पक्षता से जांच हुई तो एक बड़ा घोटाला मामले होगा जो शायद पूर्व में हलिया विकासखंड में हुए मनरेगा घोटाले को भी पीछे छोड़ जाएं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं एक सोची-समझी रणनीति के तहत तो नहीं ऐसे अफवाहों के जरिए गांव की शांति व्यवस्था में खलल डाल लोगों को लड़ा. प्रशासनिक मिशनरी का ध्यान भटकाएं जाने की सोच के तहत किया कराया जा रहा है?

संगम बार्डर पर लगे सीसीटीवी कैमरे से खुलेगा शिवलिंग होने का राज

मिर्ज़ापुर जिले के हलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिगढ़ा गांव के यूपी-एमपी (संगम बार्डर) बार्डर पर जहां शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है. इसको लेकर जहां तरह-तरह की चर्चा है कि आखिर यहां शिवलिंग कब और किसने स्थापित किया गया? जिसे पूजने की अफवाह फैलाई गई है. मज़े कि बात है कि जिस स्थान पर शिवलिंग होने की बात को प्रचारित किया गया है, समीप में ही सुरक्षा और बार्डर पर चौकसी की गरज से उच्च छमता वाला CCTV कैमरा लगाया गया है‌‌. देखना अब यह है कि पुलिस और प्रशासन CCTV कैमरे के जरिए सच्चाई का खुलासा करते हुए इस अफवाह और उपद्रव के पीछे शामिल लोगों को कब कानून के कटघरे में खड़े करने का कार्य करती है.

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