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मिर्ज़ापुर: टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए चलेगा विशेष अभियान, जाने क्या है मुहिम

 

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मिर्ज़ापुर : 2025 में टीबी रोग को जड़मूल से समाप्त करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग कमर कस कर अभियान को सफल बनाने के लिए कोई भी कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसी क्रम में एक विशेष अभियान चलाकर टीबी रोगियों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है.

 

दरअसल, शासन द्वारा प्राप्त आदेश के तहत जनपद को टीबी मुक्त बनाने के लिए क्षय विभाग द्वारा 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान वर्तमान में संचालित है, यह अभियान 24 मार्च 2025 तक चलाया जाना है. अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी रोग से प्रभावित व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें इलाज पर लाकर अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाव करते हुए 2025 तक टीबी को समाप्त करना है.

आशा एएनम, आंगनवाड़ी की भी होगी सहभागिता

इस अभियान में आशा, एएनम, आंगनवाड़ी सीएचओ के साथ-साथ क्षय विभाग के कर्मचारी गणों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिनके माध्यम से जिले के सभी विकास खंड क्षेत्र में स्थलीय भ्रमण करते हुए मरीजों की खोज करना वह लोगों को रोग के प्रति जागरूक करना, तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के धूम्रपान आदि प्रयोग की स्थिति में उनकी जांच कराना एवं उपचार पर चल रहे टीबी मरीजों के घर के अन्य सदस्य इस रोग से प्रभावित न होने पाएं, इसके लिए उनको भी दवा का पूरा कोर्स पूरा कराने की जिम्मेदारी निभाई जानी है.

उपरोक्त अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 को जमालपुर विकास खंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर समस्त सीएचओ के बीच बैठक आहूत की गई. बैठक में क्षय विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव द्वारा इस अभियान के तहत निभाई जाने वाली भूमिकाओं के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा गया कि आप सभी अपने-अपने क्षेत्र के आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम को टीबी के समस्त लक्षणों वह सरकारी स्तर से वर्तमान में उपलब्ध सभी नि:शुल्क सुविधाओं की जानकारी देकर ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीज की खोज कर इलाज पर जोड़ते हुए जनपद को टीबी मुक्त बनाने के संचालित इस अभियान को सफल बनाएं.

उपस्थित सभी सीएचओ से इस अभियान के मजबूती के लिए टीबी चैंपियन एवं नि:क्षय मित्र बनाने की भी आशा जताई गई. बैठक में डॉक्टर महबूब एचइओ, अनुज वर्मा बीसीपीएम, सच्चिदानंद, इफ्तिखार अहमद अखिलेश यादव मौजूद रहें। बैठक के पश्चात एक बार पुनः अभियान की सफलता पर चर्चा करते हुए टीबी रोगियों की पहचान करने और पुराने मरीजों के रिपोर्ट कार्ड पर जोर दिया गया ताकि पुराने केश घटे, नये बढ़ने न पाए की सार्थकता बताई गई.

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