मिर्ज़ापुर : उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में पिछले दिनों अधिवक्ता की हुई हत्या को लेकर मिर्जापुर के अधिवक्ता आंदोलित हो उठें हैं. इस दौरान अधिवक्ताओं ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी बात कर डाली है, कहां है जब राज्य में अधिवक्ता सुरक्षित नहीं है तो भला आम जनों का क्या हो सकता है.
शनिवार को ज्वाइंट कोआर्डिनेशन राज्य कमेटी नेशनल लायर्स स्ट्रगल कमेटी एवं उत्तर प्रदेश अधिवक्ता संघर्ष समिति
के तत्वाधान में अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर बस्ती जिले के वकील की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते हुए हत्यारों को फांसी दिये जाने की मांग की है.
जिलाधिकारी कार्यालय पर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन मिर्ज़ापुर और नेशनल लायर्स स्ट्रगल कमेटी व उत्तर प्रदेश अधिवक्ता संघर्ष समिति की ज्वाइंट कोआर्डिनेशन जिला कमेटी के संयुक्त तत्त्वाधान में बस्ती जिला के वकील चन्द्रशेखर यादव की 25 जनवरी 2025 को बदमाशों द्वारा कचहरी से अपहरण किये जाने के बाद निमर्मता से हत्या किये जाने के खिलाफ अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के बाद हुई सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने हत्यारों को गिरफ्तार किये जाने एवं फांसी दिये जाने की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि हर 2-3 सप्ताह के अन्तराल पर एक वकील की हत्या हो जाती है, लेकिन आज तक इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
वक्ताओं ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार और अपराधियों में आपसी सांठ-गांठ है. सरकार की इसी गैर जिम्मेदाराना रवैया से क्षुब्ध होकर 25 अप्रैल 2025 को वकीलों का प्रदेशव्यापी सत्याग्रह एवं जेल भरो आन्दोलन का कार्यक्रम निर्धारित है.
सभा में सभी वक्ताओं ने मृतक अधिवक्ता के आश्रितों को आर्थिक राहत पैकेज में 50 लाख रूपया अनुदान देने, 50 हजार रूपया मासिक पेंशन देने व बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिये जाने की मांग किया. वक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द से लागू करने की भी मांग किया.
सभा के बाद एक आठ सूत्रीय मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया. सभा की अध्यक्षता अरविन्द कुमार सिंह ने किया. सभा को सुशील कुमार दूबे अध्यक्ष, संजय चौधरी मंत्री डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन मीरजापुर, राजेश कुमार गुप्ता, अरविन्द कुमार सिंह, राजकुमार पाण्डेय, लाल जी सिंह पटेल, दीन दयाल यादव, ऑमकार नाथ सिंह पटेल, प्रेम शंकर श्रीवास्तव, जगदीश पाण्डेय, एखलाख अहमद, सुभाष चन्द्र, विकास सिंह, इन्द्र बहादुर आदि ने भी सम्बोधित किया.