मिर्ज़ापुर: पूरे नगर को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए आवागमन की सुगम व्यवस्था को बरकरार रखने के गरज से मिर्ज़ापुर नगर में चलाया जा रहा अतिक्रमण विरोधी मुहिम इन दिनों नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों मसलन एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नगर पालिका परिषद के अधिकारियों, कर्मचारियों संग रात तक चलाया जा रहा अभियान चर्चा का विषय बना हुआ है.
वहीं अतिक्रमण विरोधी अभियान में कहीं-कहीं धूप-छांव जैसी स्थिति को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि अतिक्रमण मुक्त नगर की सड़कों से बिल्कुल यातायात व्यवस्था सुगम और बेहतर होगी, लेकिन अतिक्रमण के नाम पर किसी को उजाड़ा जाना यह कहां का इंसाफ है. बताते चलें कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत लोगों के प्रतिष्ठान के साइन बोर्ड इत्यादि को जिस ढंग से जेसीबी मशीन से नोंच कर तोड़ा जा रहा है उसे लेकर विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं. लोगों का कहना है कि नालियों से लेकर सड़क की पटरियों तक पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, अतिक्रमण हटना चाहिए, लेकिन उन दुकानदारों और उनके दुकान के साइन बोर्ड से भला क्या खतरा हो सकता है जो अपने एक दायरे में है?
बहरहाल, मिर्ज़ापुर में प्रशासन द्वारा धुआंधार अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी है. अतिक्रमणकारियों द्वारा सड़क पर अवैध अतिक्रमण कर पुरी सड़क जाम कर दे रहे थे, जिससे पुरा शहर जाम के झाम में फंसा रहता था. नगरवासियों एवं राहगीरों को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) शिव प्रसाद शुक्ला, उपजिलाधिकारी सदर गुलाब चन्द्र ने नेतृत्व में अतिक्रमण कारियों को बाकायदा नगर पालिका द्वारा नोटिस जारी करने के बाद समयावधि के अंतर्गत स्वयं से अवैध अतिक्रमण खाली नहीं करने पर उपजिलाधिकारी सदर द्वारा बुल्डोजर की कार्यवाही करते हुए अवैध अतिक्रमण को ख़ाली कराया जा रहा है. नगर की सड़कों पर बुल्डोजर देख अतिक्रमण कारियों में खलबली मची हुई है.
सुबह में नपा अध्यक्ष ने दुकान का उद्घाटन किया, शाम को बुल्डोजर चल गया
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, वह है ‘सिर मुंडवाते ही ओले पड़े’ यह कहावत मिर्ज़ापुर नगर के एक प्रतिष्ठान पर सटीक बैठता है. दरअसल, हुआ़ कुछ यूं कि मिर्ज़ापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्याम सुंदर केशरी ने जिला अस्पताल के समीप एक चश्मा सेंटर का बड़े ही गर्मजोशी के साथ उद्घाटन किया था. उद्घाटन के समय उन्होंने जमकर फोटो खिंचवाने के साथ लोगों द्वारा स्वागत सत्कार के तहत पहनाएं गये फूलों के माला को भी ग्रहण किया. सबकुछ ठीकठाक चल रहा था कि अचानक देर शाम से शुरू हुए अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत उसी दुकान के टिन सेड के छज्जे को जेसीबी मशीन से नुचवाकर फेंक दिया गया, जबकि दुकानदार मिन्नतें करता रहा कि मैं इसे उतार दें रहा हूं, दुकानदार उसे हटाने में जुट भी गया था, बावजूद इसके जेसीबी मशीन से उसे नुचवाकर फेंक दिया जाता है. इसी प्रकार अन्य कई दुकानदारों के साथ भी किया जाता है, जबकि उसी मार्ग पर कई ऐसे प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड को छूआ तक नहीं गया है. प्रशासन और नगर पालिका के इस दोहरे चरित्र को लेकर लोगों में रोष भी है.
मलबा छोड़, लोहे की रेलिंग उठा ले गए
नगर क्षेत्र में कई स्थानों पर लोगों ने अपने घरों, दुकानों में आने जाने के लिए लोहे की रेलिंग लगाया हुआ है, ताकि आवश्यकता होने पर उसे सुगमता से हटाया जा सके. अतिक्रमण विरोधी मुहिम शुरू होने पर लोगों ने उसे हटाकर एक किनारे कर लिया था, लेकि अपने कारनामों के लिए सुर्खियों में रहने वाले नगर पालिका के कर्मियों और अधिकारी जो अभियान में लगे हुए थे उन्हें भी नगर पालिका के वाहन पर लादकर उठाकर चलते बने हैं. जिसकी कीमत हजारों में बताई जा रही है. वहीं तोड़फोड़ के दौरान बिखरे पड़े हुए मलवे को हाथ तक नहीं लगाया गया है. इससे अतिक्रमण विरोधी अभियान के साथ-साथ मनमानी को लेकर भी लोगों में चर्चा बनी हुई है. इस संदर्भ में जब नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से बात करना चाहा गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया. इस संदर्भ में लोगों का कहना रहा है कि जब लोगों ने स्वेच्छा से अपने रेलिंग को हटा दिया था तो उसे लादकर उठा ले जाने का क्या औचित्य रहा है, तथा उसे कहां ले जाया गया है यह भी साफ होना चाहिए.