मिर्ज़ापुर: संभल कर जनाब! यह सड़क नहीं पाताल लोक जाने का मार्ग है, मिर्ज़ापुर की सड़क को देख आखिरकार लोगों ने ऐसा क्यों कहां..आईए जाने!

 

मिर्ज़ापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले की सड़कें पाताल लोक की ओर जाने को आतुर हैं। जी हां! यह हम नहीं कह रहे हैं मिर्ज़ापुर नगर की सड़कों की दशा को देखकर कहना पड़ रहा है. दरअसल, करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी मिर्जापुर नगर की सड़कों की दशा सुधर नहीं पाई है। नगर के कई प्रमुख मार्गों, गलियों-मोहल्लों में सीवर लाइन से लेकर अमृत जल योजना के तहत सड़कों मार्गों को खन खोदकर खोखला कर दिया गया है.

आलम यह है कि बनने के बाद भी सड़कों में गड्ढे और धंसने का सिलसिला जारी हो गया है. उपर की जो तस्वीर है वह नगर के मुख्य मार्ग पीलीकोठी का है, जहां से रेलवे स्टेशन और रोडवेज से होते हुए रोडवेज की बसों सहित सैकड़ो वाहनों का आवागमन निरंतर होता है. यह सबसे व्यस्त मार्ग है बावजूद इसके इस प्रमुख मार्ग का अचानक धंस जाना, व्यवस्था की पोल खोल कर रख ले रहा है. यह सड़क जिस वक्त धंसती है ठीक चंद मिनट पहले रोडवेज की सवारियों से भरी एक बस गुजर चुकी होती है, वरना एक बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता था.

मजे की बात है कि सीवर लाइन के लिए खोदे जाने के बाद इस सड़क को आनंद-खनन में दुरुस्त कर दिया गया था लेकिन सड़क की मजबूती को नजरअंदाज कर दिया गया था जिसका परिणाम यह रहा है कि जगह-जगह से सड़क बैठनी शुरू हो गई है। यह सड़क बनने के बाद धंसने लगी है, जिन पर गिट्टियों का ढेर डालकर बनता जा रहा है। यह दशा सिर्फ पीली कोठी मार्ग की नहीं बल्कि नगर के कई इलाकों में आम हो चला है, जिस पर संबंधित विभाग से लेकर नगर पालिका भी पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है। आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन सहित शासन सत्ता से जुड़े जन प्रतिनिधि भी इन मार्गों से गुजरते हैं, लेकिन वह बंद काले शीशा गाड़ी से नीचे झांकने की जरूरत नहीं समझते हैं.

मिर्ज़ापुर असंगठित कामगार यूनियन के महामंत्री मंगल तिवारी कहते हैं कि, दरअसल, पूरे नगर में सीवर लाइन से लेकर पेयजलापूर्ति पाइप लाइन बिछाने के नाम पर पूरी सड़क तो खन खोद दी गई है, लेकिन उनके मरम्मत में मनमानी और लापरवाही का जो मिश्रण है वह नगर के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बना हुआ है. जगह-जगह बैठ रही सड़क कभी भी हादसे का कारण बन सकती है. पीली कोठी मार्ग पर सड़क का अचानक से धंसना और सड़क के नीचे सुरंग जैसा नजारा दिखाई देना यह एक ज्वलंत उदाहरण है. दूसरी ओर इस संदर्भ में जब जल जीवन मिशन के जिम्मेदार मुलाजिम से बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाईं। वहीं नगर वासियों में भी इस बात को लेकर आक्रोश गहराने लगा है कि अभी जब यह हाल है तो बरसात शुरू होने पर नगर की सड़कों गलियों का क्या हाल होगा आसानी से समझा जा सकता है.

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