Uttar Pradesh: मिर्ज़ापुर जिले के सूदूरवर्ती क्षेत्र हलिया वन क्षेत्र के दिघिया गांव की बस्ती में सोमवार की रात एक 8 फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई देने पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ कर ददरी बांध के गहरे जलाशय में छोड़ दिया.
बताया गया है कि दिघिया गांव के बस्ती में लगातार कुत्तों के भौंकने से ग्रामीण लाठी लेकर टार्च जलाते हुए मौके पर पहुंचे तो देखा कि, एक 8 फीट लंबा मगरमच्छ सड़क किनारे चहल कदमी कर रहा है, ग्रामीणों ने किसी तरह मगरमच्छ के ऊपर बोरा फेंक कर वन विभाग को सूचित किया. मौके पर पहुंचे वन दरोगा व वन्य जीव रक्षक सहित ग्रामीणों के सहयोग से मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर ददरी बांध के गहरे जलाशय में छोड़ दिया तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस लिया.
इलाके में लगातार मगरमच्छ दिखलाई देने से लोगों की नींद उड़ गई है. एक दिन पूर्व हलिया विकास खंड क्षेत्र के चककोटार गांव में रविवार की रात गांव निवासी छोटे लाल मौर्य के घर के पास तीन फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई दिया था, जिसे देखते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर अदवा बांध में छोड़ा था.
हलिया और ड्रमंडगंज वन रेंज मिर्ज़ापुर का अंतिम छोर है जो मध्य प्रदेश राज्य की सीमा और जंगलों से घिरा हुआ है. घने जंगलों पहाड़ों के साथ ही पहाड़ी नदियों और जलाशयों के सूखने और जलीय जीव जंतुओं के भरपुर संरक्षण की योजना न होने से यह भटकते हुए आबादी की ओर बढ़ आते हैं जिससे इनके जान को खतरा बढ़ जाता है तो वहीं ग्रामीण भी इन्हें देख सशंकित हो उठते हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि पूर्व में मगरमच्छ बकरी के मेमने को अपना निवाला बना चुका है. इससे ग्रामीणों में स्वयं के साथ मवेशियों की सुरक्षा को लेकर भी भय बना रहता है.