मिर्ज़ापुर: बुजुर्ग महिला ने अपने हाथों से चुन-चुन कर दिए बेर खाने को तो डीएम हुईं भावुक…

मिर्ज़ापुर: कहते हैं व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, लेकिन उसका व्यवहार ही है जो उसे ऊंचाइयों पर आगे ले जाता है, बल्कि उसे लोकप्रियता दिलाते हुए उसे लोगों के दिलों में जगह दिला पाता है, गुरुवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है जब घंटों से फुटपाथ पर बैठी टकटकी नजरों से हर आने जाने वाले श्रद्धालुओं को देख मानों जैसे उसे किसी के आने का इंतजार हो, लेकिन सुबह से ही कुछ ही लोगों के आने से वह उम्मीद का दिया जलाएं हुए प्रतिक्षा भरी नजरों से हर आने जाने वाले लोगों को देखती रही है कि, शायद कोई उसके पास भी आ जाएं.

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दरअसल, गुरुवार को दोपहर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन विंध्याचल मां विंध्यवासिनी धाम में व्यवस्थाओं की जायजा लेने के लिए पहुंची थी. मंदिर से दर्शन-पूजन करने के बाद जब वह वापस पुरानी वीआईपी मार्ग से अपने वाहन की तरफ जा रही थी कि, इसी दौरान पुरानी वीआईपी गेट के प्रथम द्वार पर दो बुजुर्ग महिलाओं को बेर बेचते हुए देखा वह खुद को नहीं रोक पाई और वाहन से उतरकर उनके पास जाकर पहले उनसे उनका हाल चाल जाना फिर उनसे पूछ बैठी कि ‘अभी तक कुल कितने की बेर बेच चुकी हैं.

इस पर बुजुर्ग महिला ने भावुक होकर बोल पड़ी “बिटिया पेट भरई क खर्चा निकल गवां बा” इस पर जिलाधिकारी भी खुद को नहीं रोक पाई और वह भी भावुक होकर जितने भी पैसा पर्स से निकला वह सभी उस बुजुर्ग महिला को दे दी. साथ ही साथ जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन एक दो बेर उसी जगह खा कर आगे बढ़ी, यह देख बुजुर्ग महिला का हृदय गदगद हो गया और वह दिल से आशीर्वाद देने लगी थी. हालांकि इस दौरान उसे भी नहीं पता था कि, जो उससे बेर खरीद रहा है वह कौन है? यह देख उपस्थित लोग भी बड़े भावुक नजरों से उस आत्मीय सुख देने वाले दृश्य को बस एक टक देखते ही रहें हैं और उसकी जोर-शोर से चर्चा करते रहे हैं.

लोगों को यह भावुक कर देने वाले इस वाकए से यह पता चलता है कि, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन सिर्फ प्रशासनिक कार्यों में ही दिलचस्पी नहीं लेती बल्कि वह जिले के सभी के हित के लिए भी सोचती हैं. बिल्कुल सही कहा गया है कि, व्यक्ति की बड़ाई और लोकप्रियता उसके व्यवहार और मानवीय गुणों पर निर्भर करती है. कितना भी बड़ा पद या धन हो, लेकिन यदि व्यक्ति के पास अच्छा व्यवहार और मानवीय गुण नहीं हैं, तो वह कभी भी लोकप्रिय नहीं हो सकता है. लोगों द्वारा यह कहते सुना जा रहा है कि जिलाधिकारी ने सिर्फ बुजुर्ग महिला से बेर ही नहीं खरीदा है, बल्कि उसका हौसला बढ़ाते हुए एक अपनत्व, मानवीय सरोकारों को भी प्रदर्शित किया है.

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