मिर्ज़ापुर: दिल को झकझोर कर रख देने वाले उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले के हलिया थाना क्षेत्र के बर्डीहा कलां (सरहरा) गांव में 13 वर्ष के दलित किशोर को दी गई दिनदहाड़े बिजली के खंभे में बांधकर दी गई तालिबानी सजा का वीडियो वायरल होने के बाद भले ही हलिया पुलिस ने उच्च अधिकारियों की फटकार के बाद आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर ग्राम प्रधान सहित सात लोगों को जेल भेज दिया है, लेकिन अभी भी पीड़ित परिवार जहां दहशत में है, वहीं पीड़ित पीड़ित किशोर के दवा इलाज के लिए परिजन दर-दर की ठोकरें खाते फिर रहे हैं.
घटना के डेढ़ महीने बीतने के बाद भी किशोर का जहां उपचार चल रहा है वहीं वह अभी भी पूरी तरह से चल-फिर पाने में असमर्थ बना हुआ है. आर्थिक तंगी के चलते उसका समुचित ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है.
दूसरे घटना के बाद आरोपी प्रधान और उसके परिवार के लोगों को सुलह कर लेने का निरंतर दबाव बनाया जा रहा है, सुलह न करने की दशा में भविष्य में आरोपियों के जेल से छूट कर आने पर परिणाम गंभीर होने की धमकियां दी जा रही है. जिससे पीड़ित किशोर और उसका परिवार डरा सहमा हुआ है। गौरतलब हो कि बीतें वर्ष 31 दिसंबर 2024 को मीरजापुर जिले के हलिया थाना अन्तर्गत बर्डीहा कलां (सरहरा) गांव में 13 वर्ष के दलित किशोर अशोक कुमार को चोरी का आरोप लगाते हुए तड़के 5 बजे उसके घर से बुलाकर गांव स्थित श्मशान घाट, सरकारी कोटे की दुकान पर ग्राम प्रधान पन्नालाल, उसके बेटों और उसके साथियों द्वारा बर्बरता की पराकाष्ठा को पार करते हुए कपड़े उतारकर दिनदहाड़े लकड़ी लोहे के छड़ इत्यादि से बुरी तरह से मारा-पीटा गया था। हद की बात तो यह है कि सुबह के 5 बजे से 3 बजे तक किशोर को बारी बारी से मारा-पीटा तो गया ही उसे उठाकर पटकने के साथ उसके गुप्तांग में लाल मिर्च भी डालकर यातना दी गई थी। प्रधान उसके बेटों और उसके साथियों द्वारा कानून व्यवस्था को ढ़ेगा दिखाते हुए दी गई.
इस तालिबानी सजा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया था. आश्भचर्यजनक बात तो यह है कि हलिया पुलिस मामले में लीपापोती करने में जुटी हुई थी. क्योंकि हलिया पुलिस ने मामला संज्ञान में आने के बावजूद पीड़ित किशोर को 24 घंटे थाने में बंद रखा था. किशोर के पिता जगजीवन की माने तो दो बोरा धान बेचकर पैसा देने पर उसके बेटे को छोड़ा गया है.
दूसरी ओर किशोर अशोक के पैर की नसों में गहरी चोट के चलते उसका उपचार अभी भी चल रहा है. उसे खून की उल्टियां भी होती हैं ऐसे गरीब परिजन बेटे की सलामती को लेकर परेशान हैं. पीड़ित किशोर घटना के बाद से ही अपने एक रिश्तेदार के सहारे उपचार करा रहा है जिसे कोई सरकारी उपचार की कोई भी सहायक नहीं उपलब्ध कराई गई है यहां तक अभी तक किसी स्वयंसेवी संस्था या जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित किशोर का कुशलक्षेम जानने की जहमत उठाई है.