उत्तर प्रदेश: मिर्ज़ापुर जिले में पुलिस के आलाधिकारियों के नाक नीचे वाले एरिया में स्थित एक हनुमान मंदिर के वृद्ध पुजारी ने स्वयं की हत्या करा दिए जाने की दी गई, धमकी और मंदिर की जमीन पर कब्जे की आशंका जताई है. हनुमान मंदिर के पुजारी ने स्वयं को दबंग व सरहंग व्यक्तियों द्वारा सोची-समझी रणनीति के तहत भगाने के लिए मारने-पीटने तथा दान पात्र में चढ़ा हुआ दान का रूपया जबरदस्ती छीनने का भी आरोप लगाया है.
देहात कोतवाली क्षेत्र के सरपतहां अघौली के रहने वाले जय प्रकाश उर्फ कल्याण दास हनुमान मन्दिर के पुजारी हैं. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंप कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी फरियाद से संबंधित तख्ती लेकिन जमीन पर बैठे बाबा ने शहर कोतवाली क्षेत्र के पाण्डेयपुर (लठियहवा) सोनकर बस्ती निवासी तकरीबन आधा दर्जन लोगों को आरोपित करते हुए बताया कि, वह अधौली गांव स्थित हनुमान मन्दिर का पुजारी है, जहां मन्दिर की जमीन है. जिसमें फूल-पत्ती, पेड़-पौधा इत्यादि लगाकर वह हनुमान जी का पूजा पाठ राज भोग किया करता है. हनुमान जी का श्रृंगार आदि के लिए जो भी दान दाता द्वारा हजार, पांच सौ रूपया इकठ्ठा होता है उसे आरोपी जबरजस्ती मार-पीट कर छीन लेते हैं तथा गाय-भैंस इत्यादि से पेड़ पालव फूलपत्ती को नष्ट करा देते हैं.
हनुमान मंदिर के पुजारी ने आरोप लगाया कि, 02 दिसंबर 2024 को समय करीब 8:00 बजे सुबह सभी आरोपी मन्दिर पर आकर उनको मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे, गाली क्यों दे रहे हों कहते हुए प्रतिरोध करने पर सभी उन्हें लात-घूंसों श से काफी मारे पीटे तथा पूजा पाठ दान में मिले एक हजार रुपए भी छीन लिया और मन्दिर परिसर के फूलपत्ती तथा अमरूद, आम इत्यादि के पेड़ों को तोड़-फोड कर नष्ट कर दिया. मंदिर छोड़कर भाग जाओ नहीं तो तुम्हारी हत्या कर देंगे की खुली धमकी देते हुए सभी जान-माल के दुश्मन बन बैठे हैं जो कभी भी कोई अप्रिय वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इस सम्पूर्ण घटनाक्रम से डरे सहमें और आहत बाबा ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाते हुए देहात कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के लिए आदेशित करने की मांग की है.
विदित हो कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत समाज से हैं. वह प्रदेश में कानून व्यवस्था के साथ ही साथ मठ मंदिरों और साधू संतो के भी हिमायती होने बताएं जातें हैं, वहीं मंदिरों और मंदिर के पुजारी के साथ घटित इस घटनाक्रम ने देहात कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. देखना अब यह है कि देहात कोतवाली पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करती है.