मिर्जापुर: सीएचसी गलरा के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी: ग्रामीणों में रोष

मिर्ज़ापुर: जिले के ड्रमंडगंज क्षेत्र के गलरा गांव में स्थित निर्माणाधीन सामुदायायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी का मामला सामने आया है। निर्माणाधीन भवन का प्लास्टर हाथ से छूने पर ही गिरने से ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण एजेंसी ने गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया और मॉनिटरिंग की कमी के कारण ऐसा हुआ है.

बजट करोड़ का, लेकिन गुणवत्ता दरकिनार

सीएचसी गलरा के निर्माण के लिए करीब पौने दो करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था. लेकिन निर्माण एजेंसी ने गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता तो ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न हुई होती.

सुरक्षा मानकों की अनदेखी

निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी भी की गई है। श्रमिकों को हेलमेट, जूता और बेल्ट जैसे सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं. इसके अलावा, फर्स्ट एड और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था भी नहीं है। ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी और प्रशासन से सुरक्षा मानकों का पालन करने की मांग की है.

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी और प्रशासन से सुधार की मांग की है। उनका कहना है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया, तो भवन जल्दी क्षतिग्रस्त हो सकता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं सुना गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

प्रशासन की कार्रवाई

अब देखना यह है कि प्रशासन और निर्माण एजेंसी इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। ग्रामीणों की मांगों को सुनकर सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी. ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी मांगों को सुनकर उचित कार्रवाई करेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी?

इस मामले में जब अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है और यदि कोई कमी पाई जाती है, तो उसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अब देखना यह है कि प्रशासन और निर्माण एजेंसी इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और ग्रामीणों की मांगों को कितना महत्व देती है.

Advertisements
Advertisement