मिर्ज़ापुर: दो दिनों पूर्व जिस प्रकरण को लेकर उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर की सांसद, केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था और पुलिस पर फायर होती हुई एक्शन में नज़र आईं थीं, अब उसी प्रकरण का रिएक्शन भी सामने आने लगा है. दरअसल, जिस प्रकरण को लेकर केन्द्रीय राज्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को लताड़ लगाई थी अब उसी पुलिस की कार्रवाई को लेकर दूसरे पक्ष (जाति) के लोगों ने एक तरफा कार्यवाही और मनमानी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है.
बताते चलें कि 18 नवंबर को विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के कुरौठी गांव में अपना दल एस के सेक्टर अध्यक्ष को घर में घुसकर मारपीट कर मरणासन्न करने के साथ ही उनकी बेटी को अगवा किए जाने का आरोप लगाया गया था. घायलावस्था में अपना दल नेता को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोप रहा कि चौबीस घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. दूसरे दिन मंडलीय अस्पताल पहुंची केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद अनुप्रिया पटेल ने घायलावस्था में अपना दल नेता का हाल जानने के साथ साथ पूरे रौब में नज़र आई थीं. उन्होंने फायर होते हुए जिले की पुलिस को कटघरे में खड़े करते हुए एक्शन मूड में दो टूक चेतावनी दी थी कि दो घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो वह क्या करती है, देखना. इसी के साथ ही मुख्यमंत्री से शिकायत की भी बात कही थी. केन्द्रीय राज्यमंत्री के एक्शन भरे चेतावनी का असर यह हुआ कि, आनन-फानन में पुलिस ने सात लोगों को पाबंद करते हुए दो लोगों को उठा भी लिया था.
पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई का रिएक्शन यह हुआ है कि अब अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मिर्जापुर जिला इकाई के अध्यक्ष ने एक तरफा कार्यवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस की कार्रवाई और केन्द्रीय राज्यमंत्री के इशारे पर उत्पीड़न का आरोप लगा पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मिर्जापुर के जिलाध्यक्ष विनय सिंह ने कहा है कि विंध्याचल थाना क्षेत्र अंतर्गत कुरौठी गांव की घटना में पुलिस की एक तरफा कार्रवाई निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले में पीड़ित दूसरे पक्ष को सुने बिना एक तरफा एफआईआर दर्ज कर दी गई है. केन्द्रीय राज्यमंत्री और सांसद को गलत फीडबैक दिया गया या उन्होंने किस वजह से महज एक पक्ष को तवज्जो दी समझ से परे है. उन्होंने लड़की उठा ले जाने और शराब पीकर मारपीट करने के आरोपों को भी गलत बताते हुए पूरी तरह से खारिज किया है. वह बताते हैं कि विवाद भैंस को सड़क पर बांधने को लेकर था. सामान्य विवाद को जानबूझकर राजनीतिक रंग देकर बड़ा करने की कोशिश की जा रही है. पीड़ित क्षत्रिय परिवार के घर तिलक समारोह है. मांगलिक उत्सव में भी लोगों को थाने बुलाकर परेशान किया जा रहा है.
घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, बिना किसी दबाव में दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए और जो भी दोषी हो कार्यवाही होनी चाहिए पर पॉलिटिकल ट्रायल नहीं होना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी है कि, यदि अगर उनके समाज के साथ गलत तथ्यों के आधार पर ज्यादती हुई तो वह लोग सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे.
वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा ने भी मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कुरौठी गांव निवासी घायल अजय पटेल के परिवार पर हुए अत्याचार के सम्बन्ध में अपराधियों की तुरन्त गिरफ्तारी हो, अजय पटेल की लड़की की मेडिकल करवायें जाने की मांग कि है. चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को तीन दिन के अन्दर पूरा नहीं किया गया तो, अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा आन्दोलन को बाध्य होगा, जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदारी होगा.
बहरहाल कुरौठी प्रकरण को लेकर क्षत्रिय और कुर्मी समाज के आमने-सामने होने और मामले की जांच की मांग, पुलिस की कार्रवाई को लेकर उठते सवालों के बीच केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं मिर्ज़ापुर की सांसद के त्वरित एक्शन के बाद के रिएक्शन की चर्चा खूब हो रही है.