उत्तर प्रदेश: मिर्ज़ापुर जनपद के राजगढ़ ब्लाक के मटिहानी गांव में पूर्व सचिव एवं ग्राम प्रधान ने मिलकर बिना कार्य कराए पैसे को निकाल लिया, इतना ही नहीं पूर्व सचिव ने बिना आरआरसी सेंटर को पूर्ण कराए, बिना टैंकर से पानी सप्लाई कराए बिना एवं बिना हैंडपंप बनवाए लाखों रुपए निकाल लिया है. इसी के साथ ही पूर्व सचिव ने कैश बुक भी अपने पास रख लिया, जिसे नए सेक्रेटरी को देना भी मुनासिब नहीं समझा है जिससे वर्तमान सेक्रेटरी को पुराने कार्यों के भुगतान पर रोक लगाना पड़ा है. मामला संज्ञान में आने पर ग्राम प्रधान ने सेक्रेटरी के खिलाफ डीपीआरओ को जांच के लिए प्रार्थना पत्र दिया है कि, पंचायत अधिकारी गांव के विकास में बाधा पहुंचा रहे हैं. प्रकरण की एडीपीआरओ प्रेमदास ने जांच की तो गांव में काफी अनियमिताएं सामने आई हैं.
बताया गया है कि, गांव में विकास कार्यों के नाम पर भारी पैमाने पर मनमानी घपलेबाजी की आशंका होने पर जांच करने को लेकर ग्रामीणों ने कई महीने पहले से डीपीआरओ को प्रार्थना पत्र दिया था. मंगलवार को एडीपीआरओ ने पंचायत भवन में ग्रामीणों के साथ बैठक की और उनकी बातें सुनी तो ग्रामीणों ने बताया कि आरआरसी सेंटर काफी घटिया बना है, जिस पर उप जिला पंचायत राज अधिकारी ने आरआरसी सेंटर को देखा, जिसकी लागत 4:30 लाख रुपए थी और उसकी हालत काफी खराब बनी हुई थी. केंद्र का गेट टूटा हुआ था, मानक के अनुसार दीवाल नहीं बनी थी और कूड़ा रखने वाले गड्ढें व दीवार पर प्लास्टर नहीं किया गया था, जबकि ग्राम प्रधान और पूर्व सेक्रेटरी नसीरुद्दीन ने 365000 रुपए आरआरसी केंद्र बनवाने के नाम पर निकल लिए हैं. मानक के अनुसार कार्य न होने पर उप जिला पंचायत राज अधिकारी काफी नाराज हुए उन्होंने दोनों के कार्यों को लेकर एडीओ पंचायत से शिकायत की है तथा ग्राम प्रधान संतोष मौर्य को चेताते हुए कहा है कि आपका कार्य संतोष पूर्ण नहीं है इसमें सुधार लाइए. इसके बाद उप जिला पंचायत राज अधिकारी ने सन् 2022-23 में आए शौचायलयों को देखा जहां अधिकतर शौचालय अधूरे पाए गए. साथ ही एक शौचालय में उपली रखा हुआ पाया गया.
इतना ही नहीं बैठक में पूर्व बीडीसी राजीव चौहान ने आरोप लगाया कि उनके घर जाने वाली सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. जिसको लेकर वह कई बार प्रधान से कह चुके हैं, लेकिन उन्होंने उसको नहीं बनवाया. हद की बात यह है कि, उसी पर 10 ट्राली भस्सी गिराकर ग्राम प्रधान और सचिव ने लाखों रुपए निकाल लिए.
ग्रामीणों को पानी न पिलाकर अपने चहेतों का परवल की फसल सींच रहे थे
उन्होंने आगे शिकायत करते हुए कहा अप्रैल, मई और जून में टैंकर से ग्रामीणों को पानी न पिलाकर अपने चहेतों का परवल की फसल सींच रहे थे, जबकि ग्रामीण पानी के बिना प्यासे मर रहे थे और उसका पैसा ग्राम सभा से निकाला जाता रहा है. जिसे सुनकर एक बार अधिकारी भी दंग उठे हैं. इस संबंध में उप जिला पंचायत राज अधिकारी प्रेमदास ने कहा है कि वह जांच कर रहे हैं, गलत पाए जाने पर कार्रवाई होगी. किसी भी प्रकार की कोई गलती पाए जाने पर किसी को छोड़ नहीं जाएगा.
इस दौरान मौके पर एडीओं पंचायत राजगढ़ धर्मेंद्र दुबे, ग्राम पंचायत अधिकारी रवि नंदन सिंह, दिव्या सिंह, विशाल श्रीवास्तव, प्रधान संतोष मौर्य, पूर्व बीडीसी राजू चौहान, सुरेंद्र मौर्य, कंसल्टेंट इंजीनियर सुभाष सिंह आदि लोग मौजूद रहे हैं.