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मिर्ज़ापुर: प्रशासन की सख़्ती पर पानी फेरते आ रहे हैं खनन माफिया, दिनदहाड़े तालाबों की सीना कर रहे छलनी

 

Uttar Pradesh: मिर्ज़ापुर जिला प्रशासन की सख़्ती पर पानी फेरते हुए खनन माफिया, दिनदहाड़े तालाबों की सीना छलनी करते आ रहे हैं. इससे शासन-प्रशासन के फरमान पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है. खनन माफिया बाकायदा जेसीबी मशीन से दिनदहाड़े तालाब-पोखरों से लेकर बंजर भूमि पर मिट्टी खन-खोदकर उठा ले जा रहे हैं.

एक तरफ शासन ने बिना अनुमति मिट्टी, बालू के खनन पर रोक लगा रखा है. प्रशासन भी अवैध खनन पर सख़्ती से राेक लगाने की बात करता है. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब से मिट्टी का अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है. जिले के लालगंज विकास खंड क्षेत्र के रानीबारी गांव में जेसीबी मशीन तालाब का बेतरतीब तरीके से सीना चीर रही है और मिट्टी से भरे ट्रैक्टर धड़ल्ले से दिन-रात दौड़ रहे हैं. जिसके कारण तालाब का स्वरूप बदल जा रहा है.

लालगंज विकासखंड में स्थित रानीबारी गांव में जेसीबी कई दिनों से गरज रही है. दिन हो या रात जेसीबी से तालाब की खोदाई लगातार चल रही है. इससे मिट्टी निकाल कर तालाब के भीटा पर गिराया जा रहा है. चर्चा है कि अभी तक जो काम मनरेगा द्वारा मजदूर करते थे उस काम को जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर से कराया जा रहा है. इससे जहां सरकार के गाइड लाइन की धज्जियां उड़ती हुई नज़र आ रही है तो वहीं गांव के गरीब जनों को भी मनरेगा योजना से वंचित होना पड़ जा रहा है. रानीबारी गांव के इस तालाब में धड़ल्ले से की जा रही मिट्टी की खनन के बाद भी प्रशासन का इस तरफ ध्यान नहीं गया है.

हालांकि ग्रामीणों मैं इस बात की चर्चा होती रही कि, रानीबारी गांव में मिट्टी के खनन की किसी भी स्तर से अनुमति नहीं दी गई है. लेकिन जेसीबी और ट्रैक्टर से तालाब की अंधाधुंध खोदाई जारी है. इस संबंध में उप जिलाधिकारी आशाराम वर्मा ने बताया कि, रानीबारी गांव में खनन होने की जानकारी संज्ञान में आया है. उन्होंने मौके पर टीम भेज जांच कराए जाने की बात की है.

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