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Mirzapur: न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं खनन माफिया, जिम्मेदार बने अंजान

 

 

 

मिर्ज़ापुर : जिले में अवैध बालू खनन का कार्य जोरों पर चल रहा है. जिगना थाना में इलाकाई पुलिस की मिली भगत से क्षेत्र के गोगांव में कछुआ सेंचुरी घोषित क्षेत्र में अवैध खनन व परिवहन रूकने का नाम नहीं ले रहा है.

खनन माफिया घाटों का कटान कर गंगा की धारा मोड़ने में दिन-रात एक किए हुए हैं. क्षेत्र अंतर्गत जलीय जीवों के संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय से कछुआ सेंचुरी घोषित एरिया है बावजूद यहां भी बालू व भस्सी का अवैध खनन बेरोक-टोक धड़ल्ले से किया जा रहा है.

नतीजन क्षेत्र के हरगढ, गोगांव गांव के मध्य गंगा तट पर ढाई सौ मीटर क्षेत्रफल गहरे गड्ढे में तब्दील हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि यही हाल रहा तो गंगा की धारा पश्चिम से पूरब की ओर नहीं बल्कि दक्षिण की ओर मुड़ जाएगी. एनजीटी एवं पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने क्षेत्र के गोगांव गांव में गंगा की तराई में निरीक्षण के दौरान गहरे गड्ढे देखकर हैरानगी जताई थी. कछुआ सेंचुरी क्षेत्र में कछुआ डाल्फिन व अन्य जलीय जीवों के संरक्षण के लिए डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव को शासन स्तर से नोडल अधिकारी नामित किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज जिले के मेजा क्षेत्र के कोठारी गांव से नदीनी गांव तक कछुआ सेंचुरी एरिया घोषित कर रखा है. प्रयागराज जिले के मेजा वन प्रभाग के क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने बताया कि कछुआ सेंचुरी में खनिज पदार्थों का खनन व परिवहन पूर्णतया प्रतिबंधित है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। शीघ्र ही अभियान चलाकर खनन माफियाओं की नकेल कसी जाएगी.

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