मिर्ज़ापुर: बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए ख़ासकर बिना हेल्मेट के फर्राटा भरते हुए बाइक सवार आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, जिससे व्यापक पैमाने पर जन-धन की हानि हो रही है, इसी के दृष्टिगत जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर ने भी एक आदेश जारी करते हुए बिना हेल्मेट के बाइक चालकों को पेट्रोल न देने की अपील की थी. जिलाधिकारी के आदेश पर मीरजापुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन बिफर पड़ा है.
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष उप्र पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन दुर्गा प्रसाद चौधरी के नेतृत्व में जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर प्रियंका निरंजन से मिलकर उनके आदेश पर आपत्ति जताई. कहां उनका यह आदेश उनके लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है, इससे नित्य नये विवाद खड़े होंगे.
जाने क्या है पूरा मामला
गौरतलब हो कि, परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी एवं सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों के माध्यम से पूरे प्रदेश में दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है, इसी के साथ उत्तर प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंपों को निर्देशित किया गया है कि बिना हेलमेट के किसी भी दो पहिया चालक को पेट्रोल न दिया जाए। इस निर्णय का विरोध करते हुए मीरजापुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि निःसंदेह सभी पेट्रोल पंप स्वामी आपके इस अभियान की सराहना करते हैं और स्वागत करते हैं, इसी के साथ हम सभी पेट्रोल पंप स्वामी पेट्रोल पंपों के माध्यम से आपके इस अभियान का प्रचार करेंगे तथा प्रत्येक हेलमेट न लगने वाले ग्राहक को विशेष रूप से अनुरोध करेंगे कि वह हेलमेट लगाकर ही दो पहिया वाहन चलाए और भविष्य में हैल्मेट लगाकर ही तेल भराने आयें, परंतु उनको पेट्रोल नहीं देने से अकारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होगी और पेट्रोल पंपो पर झगड़े होंगे। ऐसी स्थिति में जिले के लगभग 200 पेट्रोल पंप पर अव्यवस्था फैलेगी तथा पंप कर्मचारियों के लिए भी यह कर पाना बहुत आसान नहीं है.
चेतावनी दी है कि यदि उन लोगों के ऊपर दबाव बनाकर के उत्पीड़न की करवाई होगी तो आगे होने वाली अनहोनी घटनाओं व अपनी, अपने परिवार व कर्मचारियों के जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समस्त पेट्रोल पंप स्वामी अपने पंप को बंद रखने के लिए बाध्य होंगे और आम जनमानस को होनेवाली कठिनाईयो, दिक्कत के लिए हम लोग उत्तरदायी नहीं होगे.
एसोसिएशन ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि, बिना हेलमेट वाले वाहन को पेट्रोल नहीं देने की बाध्यता समाप्त कर अन्य विकल्प देने का आदेश निर्गत करने के साथ सहुलियत प्रदान किया जाए.
यह रखा अपना पक्ष
‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ के प्रचार के लिए प्रांतीय तेल समन्वयक को प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंप परिसर स्थित बड़े होर्डिंग पर नो हेलमेट नो फ्यूल का बैनर लगाने का आदेश निर्गत किया जाए. पेट्रोल पंप कर्मचारियों द्वारा हेलमेट नहीं पहन कर आने वाले दो पहिया वाहन चालक को जागरूक कर आदरपूर्वक भविष्य में हैलमेट लगाकर ही पेट्रोल भराने के लिए प्रेरित किया जाए, क्योंकि पेट्रोलिम पदार्थ आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत आते हैं इसलिए कर्मचारियों द्वारा इस के लिए मना करना न्यायोचित नहीं है.
(See .3(2) of EC ACT 1955 यह स्पष्ट किया गया है कि (इस अधिनियम के तहत सरकार ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा डालने वाले लोगों पर कार्रवाई कर सकती है) पेट्रोल नहीं देने पर पेट्रोल पंप कर्मचारी और ग्राहकों में एक दुश्मनी पैदा होगी जिस का खामियाजा पेट्रोल पंप स्वामी को भी उठाना पड़ेगा. बिना हेलमेट के जो भी दोपहिया चालक सड़क पर चल रहे हैं उनको नियंत्रित करने का कार्य व अधिकार केवल परिवहन विभाग, यातायात विभाग, स्थानीय पुलिस और प्रशासन को ही है। आम नागरिक को नहीं है.
वर्तमान समय में प्रदेश में हरेक चौराहे पर पुलिस की व्यवस्था है. पुलिस पिकेट के साथ डायल 112 की गाड़ियां सड़क मार्ग पर 24 घंटे कार्यरत रहती हैं. ऐसे में इस अभियान को परिवहन विभाग, यातायात विभाग, स्थानिक पुलिस और प्रशासन के लोग अधिक सफलतापूर्वक पालन कराने का अधिकार रखते हैं. यह कार्य उन्हीं लोगों को सौंप जाए. इससे हम पेट्रोल पंप स्वामियों अनावश्यक शामिल न किया जाय तथा इससे दूर रखा जाय.