मिर्ज़ापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर सदर तहसील क्षेत्र के ददरी खुर्द में प्रस्तावित अडानी थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विरोध में अब नेशनल हॉकर्स फेडरेशन भी उतर आया है. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपे जाने के बाद इस पावर प्रोजेक्ट को पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य विरोधी कदम करार दिया है और तत्काल इसे निरस्त करने व पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य की रक्षा संबंधी हवाला देते राष्ट्रपति से भी हस्तक्षेप की मांग की है.
दरअसल, मिर्ज़ापुर के सदर तहसील अन्तर्गत ददरी खुर्द गांव में अडानी कंपनी द्वारा थर्मल पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, इसे लेकर 11 अप्रैल को गुपचुप जनसुनवाई भी हो चुकी है जिसपर सवाल खड़े करते हुए विरोध में उतरे किसानों, ग्रामीणों एवं इससे प्रभावित होने वाले लोग जो पिछले एक दशक से संघर्ष करते हुए आएं हैं ने कहा था कि अड़ानी की कंपनी पावर के बल पर उन्हें और जंगल को नष्ट करने पर तुली है.
अब नेशनल हॉकर्स फेडरेशन, मिर्जापुर के पदाधिकारी एवं सदस्यगण, जनहित एवं पर्यावरण सरंक्षण की दृष्टि से अत्यंत चिंता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति भारत के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए पावर प्रोजेक्ट से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान इंगित कराया है। कहा है कि जनपद मिर्जापुर के ददरी खुर्द क्षेत्र में अदानी समूह द्वारा प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट न केवल क्षेत्र के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर संकट उत्पन्न करेगा। इस परियोजना से उत्सर्जित राख, कार्बन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि प्रदूषक तत्व वायुमंडल को विषैला बना देंगे, जिससे श्वसन संबंधी रोग, त्वचा रोग, जल स्रोतों का दूषित होना, वनों की क्षति, तथा कृषि योग्य भूमि का ह्रास होना तय है. मां विंध्यवासिनी धाम मार्ग, जो एक श्रद्धा और सांस्कृतिक आस्था का केंद्र है, उस मार्ग पर स्थित पेड-पौधे एवं वातावरण भी इस परियोजना की चपेट में आकर दुर्बल हो जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के चलते स्थानीय पर्व, मेले, धार्मिक आयोजन तथा पर्वतीय पर्यटन स्थलों की गरिमा और स्वास्थ्यप्रद वातावरण समाप्त हो जाएगा.
नेशनल हॉकर्स फेडरेशन ने अपनी मुख्य आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा है कि थर्मल पावर प्रोजेक्ट से पर्यावरणीय प्रदूषण की तीव्र वृद्धि होगी. परियोजना से उत्पन्न अपशिष्ट जल एवं राख से भूजल एवं नदियों का विषाक्तीकरण होगा तथा आस-पास के गांवों में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा, धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों पर संकट उत्पन्न होगा.
मिर्जापुर के पर्वतीय भूगोल एवं जैवविविधता को दीर्घकालिक क्षति पहुंचेगी. मांग किया कि इस थर्मल पावर प्रोजेक्ट की स्थापना तत्काल निरस्त की जाए, परियोजना के प्रभाव का स्वतंत्र वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय मूल्यांकन कराया जाए, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर या पवन ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाए, स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों एवं पर्यावरण विशेषज्ञों से विमर्श के उपरांत ही कोई निर्णय लिया जाए.
मिर्जापुर को एक हरित एवं सुरक्षित जिला घोषित कर विकास के हरित मॉडल को बढ़ावा दिया जाए. कहा है कि, नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के समस्त सदस्य, जनपद के पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए तत्काल संवेदनशील कार्रवाई की अपील करते है. इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश कुमार तिवारी, मनीष सिंह, स्मृति गुप्ता, वेंकेटेश राय इत्यादि मौजूद रहे हैं.