मिर्ज़ापुर: बिहार के एक मदरसे में पढ़ने वाले दो नाबालिग बच्चे वहां होने वाली पिटाई के भय से भागकर ट्रेन में सवार हो गए। जिन्हें “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत रेस्क्यू कर सकुशल कब्जे में लेकर उनके परिजनों को अवगत कराया गया है.
जानकारी के मुताबिक आरपीएफउत्तर मध्य रेलवे मंडल प्रयागराज के RPF पोस्ट मिर्जापुर के उप निरीक्षक अखिलेश कुमार राय, हमराही स्टाफ के साथ 27 जुलाई 2025 को रेलवे स्टेशन मिर्जापुर के स्टेशन एरिया में गश्त पर के थे। उनके साथ रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क के सदस्य दारा सिंह भी उपस्थित थे। गश्त के दौरान, समय लगभग 10:30 बजे, प्लेटफार्म संख्या-02 के दिल्ली छोर पर दो लड़के बैग के साथ बैठे पाए गए। सहानुभूतिपूर्वक पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम क्रमश: अशरफ अंसारी 12 वर्ष पुत्र अकबर अंसारी, माता का नाम मैमून बीबी तथा दूसरे ने मासूम अंसारी 13 वर्षपुत्र इमामुद्दीन अंसारी माता का नाम सबरून बीबी सभी निवासी वार्ड नं. 14, ग्राम जंगीपुर, थाना नगरउंटारी, जिला गढ़वा (झारखंड) बताया.
पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे दोनों दारूल ओलूम फैजाने अशरफ, बारा, थाना गुरारू, जिला गया (बिहार) स्थित एक मदरसे में पढ़ते थे। वहां उनके साथ मारपीट की जा रही थी, जिससे परेशान होकर वे बिना किसी को बताए मदरसे से भाग निकले। उनका उद्देश्य अपने घर लौटना था, किंतु गलत ट्रेन में सवार हो जाने के कारण वे मिर्जापुर स्टेशन पर उतर गए। आरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक दोनों बच्चों ने अपने परिजनों के मोबाइल नंबर बताए। जिन पर संपर्क कर उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है.
दोनों नाबालिगों को उप निरीक्षक अखिलेश कुमार राय द्वारा विधिवत सुपुर्दगीनामा तैयार कर, साक्ष्य (फोटोग्राफी) एवं गवाहों की उपस्थिति में, रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क के सदस्य दारा सिंह (सुपरवाइजर) को सौंपा गया, ताकि उन दोनों बच्चों को सुगमतापूर्वक उनके घर तक उनके परिजनों को सौंपा जा सकें.