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मिर्ज़ापुर: मां के दिवंगत होने पर भी नहीं टूटा क्रम नौवें दिन भी ग्रीन गुरु ने किया पौधारोपड़, जाने वज़ह

 

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उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में एक सख्श ऐसे भी हैं जिनका पेड़ पौधों से इस कदर इतना गहरा नाता हो चला है कि उन्होंने धरती पर हरियाली फैलाने के लिए नित्य एक पौधारोपड़ करने की ठान ली है. लगाव व जुनून के साथ दृढ़ संकल्प भी ऐसा की वह कोई भी दिन हो समय हो, मौसम हो या पर्व-अवसर हो पौधारोपड़ का संकल्प टूटने नहीं देते हैं. यह सख्श कोई और नहीं मिर्ज़ापुर के मड़िहान तहसील क्षेत्र के पचोखरा स्थित शान्ति निकेतन इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल कुमार सिंह उर्फ ग्रीन गुरु हैं जो वर्ष 2015 से अनवरत पौधारोपड़ अभियान में जुटे हुए हैं.

हाल ही में उनकी माता का निधन हो गया है, बावजूद इसके उनका पौध-रोपण का नित्यकर्म टूटने नहीं पाया है. मां के दिवंगत होने के नौवें दिन भी ग्रीन गुरु ने आम्रपाली आम के पौधा का रोपण कर बृहस्पतिवार, डाला छठ अवसर पर 3420 वें दिन लगातार पौधारोपण के क्रम में करते हुए लोगों को भी पौधारोपड़ के लिए प्रेरित करते हुए हरित भरा संदेश दिया है.

ग्रीन गुरु की यह है उपलब्धियां

ग्रीन गुरु का सामाजिक सरोकारों से भी गहरा नाता है. वह शिक्षक के विभिन्न संगठनों संस्थाओं से भी जुड़े होने और सम्मानित किए जा चुके हैं. यह खेल क्रान्ति एवं पर्यावरण शुद्धिकरण फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित पर्यावरण शुद्धिकरण अभियान के संस्थापक-सचिव भी हैं. जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा गंगा सेवक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. हिमालय उड बैज स्काउट, नमामि गंगे जिला गंगा संरक्षण समिति एवं जिला पर्यावरणीय समिति मिर्ज़ापुर के सदस्य एवं ब्रांड एम्बेसडर भी हैं तथा ध्वजारोहक स्वच्छता नगर पालिका परिषद मिर्ज़ापुर से भी जुड़े हुए हैं.

ग्रीन गुरु द्वारा 1 जुलाई 2015 से लगातार प्रतिदिन पौधारोपड़ किया जा रहा है. निरंतर किए जा रहे पौधारोपड़ के 3420 वें दिन के क्रम में ग्रीन गुरु ने अपनी माता के दिवंगत होने के नौवें दिन श्रद्धांजलि स्वरूप यादगार के रूप में आम्रपाली आम के पौधारोपड़ अभिनव सिंह के सहयोग से नगर के जेपीपुरम कॉलोनी में करते हुए, बतलाया कि भले ही उनकी मां उन्हें छोड़ कर चली गई, लेकिन पौध के रूप में सदैव वह उनके पास रहेगी. इसी भाव के बीच उन्होंने एक मां के नाम के साथ एक बगीचा मां के नाम बनाने का प्रयास करूंगा, की बात कहते हुए अपने संदेश में लोगों को भी ज्यादा से ज्यादा पौधारोपड़ के लिए प्रेरित किया है.

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