मिर्जापुर: नमामि गंगे के तहत 125 नाविकों को मिला रेस्क्यू और आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण, जिलाधिकारी ने बांटे प्रमाणपत्र

मिर्जापुर: भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं पर्यावरण मंत्रालय के तत्वावधान में ‘नमामि गंगे’ की जलज परियोजना के तहत आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय नाविक प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन जिला पंचायत सभागार में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की उपस्थिति में संपन्न हुआ. इस कार्यशाला में जनपद मिर्जापुर के 8 ब्लॉकों से आए 125 युवा नाविकों को प्रशिक्षित किया गया.

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि “जलज” एक नवाचारात्मक पहल है, जिसका उद्देश्य गंगा को एक जीवंत नदी के रूप में संरक्षित रखते हुए, लोगों की आस्था और आजीविका को नदी से जोड़ना है. उन्होंने बताया कि नाविकों को गंगा प्रहरी के रूप में तैयार करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है, ताकि वे न केवल अपनी आमदनी बढ़ा सकें. बल्कि पर्यटन, पर्यावरण और रोजगार के अवसरों से भी लाभान्वित हो सकें.

कार्यशाला के दौरान नाविकों को गंगा में पाए जाने वाले जलीय जीवों, संकट की स्थिति में उनके संरक्षण, प्राथमिक उपचार, रेस्क्यू उपकरणों का उपयोग और आपदा प्रबंधन से जुड़ी जानकारियाँ दी गईं. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के विशेषज्ञों ने उन्हें आपदा के समय आवश्यक कदमों की ट्रेनिंग दी.

कार्यशाला के समापन अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान की स्वाति साहा और शिवानी पुंडीर ने दो दिवसीय प्रशिक्षण के विभिन्न सत्रों की जानकारी प्रस्तुत की. इस अवसर पर जिलाधिकारी को गंगा प्रहरियों द्वारा तैयार किए गए नेचुरल प्रोडक्ट्स की भेंट दी गई और महिला गंगा प्रहरियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे सभी गणमान्य अतिथियों ने सराहा.

समापन कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि जलज के माध्यम से नाविकों को न केवल रेस्क्यू किट प्रदान की गई है, बल्कि आगे भी यदि कोई नाविक प्रशिक्षण लेना चाहे, तो उसे पूरा सहयोग दिया जाएगा.

इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी अरविन्द राज मिश्रा, जिला वन अधिकारी, परियोजना वैज्ञानिक सौरव गवन, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ अंकुर गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

Advertisements
Advertisement