मिर्ज़ापुर: 27 माह से नहीं मिला महिला सफाई कर्मीयों का मानदेय, माकू यूनियन के शिविर में बोली महिलाएं, सुनाई पीड़ा…

मिर्ज़ापुर: सदर तहसील के विकास खंड कोन के रामपुर ग्राम पंचायत में महिला मनरेगा मजदूरों की बकाया मज़दूरी न मिलने से उनकी हालत दयनीय हैं. मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन की तरफ से लगे सदस्यता अभियान में शामिल ग्रामीण दलित महिला मनरेगा मजदूरों ने अपनी अपनी समस्या बताई. मजदूर नेता मंगल तिवारी के अनुरोध पर सभी ने बारी बारी से अपनी बात कही. शिविर में आईं बुधना देवी ने बताया कि वह गांव के शौचालय में सफाई कर्मचारी हैं, उनकी चार लड़की व एक लड़का है. सफाई के एवज में उन्हें प्रति माह निर्धारित रुपया 6000 मानदेय मिलना तय हुआ है, लेकिन उन्हें पिछले 27 माह से मानदेय नहीं मिल रहा है. होली के समय समूह के खाते में केवल 12 हजार आया है.

शिविर में मजदूर महिलाओं ने मनरेगा में कार्य उपरांत तीन से 6 माह की बकाया मजदूरी न मिलने की जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा जॉब कार्ड के बावजूद प्रधान द्वारा राजनैतिक भेद भाव किया जाता है जिसके चलते हम लोगों को नरेगा में काम नहीं मिलता. कुछ श्रमिक महिलाओं ने प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना (गैस कनेक्शन) का लाभ न मिलना, लेबर कार्ड न बनना, ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा आवास एवं अन्त्योदय कार्ड में पात्रता के मानक की अनदेखी करना इत्यादि विभिन्न समस्याओं पर खुलकर अपनी बात कही। महिला मनरेगा मजदूर (पूर्व मेठ) सीमा कुमारी ने यह भी बताया कि उनका 20 दिन का बकाया मजदूरी पूर्व के प्रधान के कार्यकाल में (नवंबर- दिसंबर 2022) बाकी है और अब तक नही मिला जिसकी शिकायत कई बार सेक्रेटरी से की गई है.

प्रधान पर जबरन जॉब कार्ड रखने का आरोप

कुछ ने ग्राम प्रधान पर जबरन जॉब कार्ड रखने का आरोप लगाते हुए बताया कि उनका जॉब कार्ड उन्हें नहीं सौंपा जा रहा है. ट्रेड यूनियन नेता मंगल तिवारी ने सभी मौजूद महिला एवं पुरुष मजदूरों से उनकी बात सुनी और उनकी समस्या जिलाधिकारी मिर्जापुर तक पहुंचाने का आश्वाशन दिया. उक्त शिविर का आयोजन गंगा किनारे चौरा माई स्थान पर किया गया था. मौके पर सीमा कुमारी, मुनक्का देवी, फुलगेना, सीता देवी, पूजा देवी, बुधना देवी, शिवकुमारी, मंजू, सावित्री, जन्नी हरिजन आदि रहे.

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