छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा. सोमवार 25 अगस्त को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ने उन्होंने इससे जुड़े निर्देश दिए थे. अब सीजीबीएसई बोर्ड परीक्षा में बेहतर नतीजों के लिए भी छत्तीसगढ़ में मिशन उत्कर्ष 2025 की शुरुआत हुई है. जिला प्रशासन रायपुर ने मिशन उत्कर्ष की शुरुआत कर बोर्ड परीक्षाओं में शत प्रतिशत सफलता हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
स्कूलों में चलाए जा रहे हैं विशेष तैयारी सत्र: बोर्ड परीक्षाओं में सफलता को लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने जिले के सभी स्कूलों में विशेष तैयारी के लिए सत्र की शुरुआत की है. इसके तहत जिले के सभी शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए विशेष तैयारी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं. इन सत्रों में विषयवार पुनरावृत्ति, मॉडल टेस्ट पेपर और कठिन प्रश्नों की विशेष कक्षाएं ली जाएंगी.
मिशन उत्कर्ष के तहत टेस्ट का आयोजन: जिला शिक्षा विभाग के आदेश के तहत 29 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक छात्रों की तैयारी को परखने के लिए टेस्ट आयोजित किए जाएंगे. इन परीक्षाओं के आधार पर विद्यार्थियों की कमजोरियों की पहचान कर, उन्हें सुधारने के लिए अतिरिक्त मार्गदर्शन दिया जाएगा.
जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किए आदेश: इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती ने आदेश जारी किया है. इसमें उन्होंने सभी शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों के प्राचार्यों को तैयारी सत्र और टेस्ट को अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए हैं.
मिशन उत्कर्ष विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने का एक सशक्त प्रयास है-
10वीं बोर्ड के रिजल्ट पर नजर: साल 2024 की सीजीबीएसई बोर्ड परीक्षा में रायपुर का रिजल्ट कैसा रहा. इस बारे में शिक्षा विभाग से जानकारी मिली है. रायपुर का ओवरऑल रिजल्ट 71.64 प्रतिशत रहा. जबकि राज्य का औसत 76.53 प्रतिशत था. इस तरह जिले का प्रदर्शन राज्य से 4.89 प्रतिशत कम रहा. लेकिन 2025 में स्थिति और बिगड़ गई.जिले का परिणाम घटकर 67.24 प्रतिशत पर आ गया, जबकि राज्य का औसत 75.61 प्रतिशत रहा. यानी अंतर बढ़कर 8.37 प्रतिशत तक पहुंच गया.
12वीं बोर्ड का कैसा रहा परिणाम?: दूसरी ओर कक्षा 12वीं में 2024 में जिले का परिणाम 83.19 प्रतिशत था, जो राज्य के औसत 81.87 प्रतिशत से 1.32 प्रतिशत बेहतर था. लेकिन 2025 में यह घटकर 79.94 प्रतिशत रह गया, जबकि राज्य का औसत 80.74 प्रतिशत रहा. इस तरह जिले का प्रदर्शन राज्य से 0.80 प्रतिशत कम हो गया.
दसवीं बोर्ड परीक्षा विषयवार रिजल्ट: विषयवार परिणामों पर नजर डालें तो 10वीं में संस्कृत विषय में विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जहां 92.98 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए. हिंदी में 85.27 प्रतिशत, विज्ञान में 76.15 प्रतिशत, सामाजिक विज्ञान में 72.90 प्रतिशत और अंग्रेज़ी में 71.17 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए. लेकिन गणित सबसे कमजोर विषय साबित हुआ, जहां केवल 53.25 प्रतिशत विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हो पाए.
तिल्दा ब्लॉक रहा टॉप परफॉर्मर : ब्लॉक स्तर पर तिल्दा का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा, जहां 76.60 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए, जबकि धरसीवां, अभनपुर और आरंग का प्रदर्शन भी लगभग समान रहा.
12 वीं बोर्ड परीक्षा का विषयवार परिणाम: इसी तरह कक्षा 12वीं में फीजिक्स सबसे कठिन सबजेक्ट साबित हुआ. इसमें 25.30 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गए. अर्थशास्त्र में 23.80 प्रतिशत, राजनीति विज्ञान में 17.30 प्रतिशत, भूगोल में 16.80 प्रतिशत और रसायन शास्त्र में 16.70 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हुए. गणित में 14.20 प्रतिशत, अकाउंटेंसी में 13.80 प्रतिशत और व्यवसाय अध्ययन में 12 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हुए. इतिहास में 10.10 प्रतिशत और जीव विज्ञान में केवल 8.80 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हुए. जिससे जीव विज्ञान सबसे बेहतर परिणाम देने वाला विषय साबित हुआ.
मिशन उत्कर्ष का लक्ष्य: इस बार बोर्ड एग्जाम को लेकर मिशन उत्कर्ष की रणनीति बनाई गई है. इसके तहत 100 फीसदी सफलता हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर देने पर फोकस है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मिशन उत्कर्ष के तहत मासिक टेस्ट, तिमाही, अर्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. कमजोर विद्यार्थियों के लिए समाधान वाली शिक्षा (Remedial Teaching) दी जाएगी. इसमें कक्षा 10वीं की गणित और कक्षा 12वीं की भौतिकी तथा रसायन विषय पर फोकस करने की योजना बनाई गई है. जिससे बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों को मदद मिल सके. उनके नतीजों में सुधार आ सके.