दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU’s IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को अचानक पानी भर गया. इस हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने कोचिंग के मालिक और कोऑडिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस जांच में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हादसे के शुरू हुई दिल्ली नगर निगम की जांच में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. जांच में पता चला है कि अगस्त 2023 में शो कॉज नोटिस के बाद भी कोचिंग संस्थान ने बेसमेंट और बिल्डिंग का मिसयूज बंद नहीं किया.
वहीं, पिछले साल मुखर्जी नगर में आग लगने की घटना के बाद कोर्ट के आदेश पर जब सर्वे शुरू हुआ, तब MCD ने पाया की इस कोचिंग का मालिक बेसमेंट समेत ऊपर के तीन फ्लोर तक बिल्डिंग नियमों का उल्लंघन कर रहा है. लिहाजा MCD की तरफ से अगस्त 2023 में कोचिंग मालिक को शो कॉज नोटिस दिया था, लेकिन इसके बावजूद बिल्डिंग का मिसयूज नहीं रुका. ये मामला करोलबाग जोन के डीसी तक पहुंच गया तो मालिक ने इसी साल 9 जुलाई को सबसे जरूरी फायर एनओसी ले लेने में कामयाब रहा. लेकिन फिर भी बेसमेंट से लेकर ऊपर के तीन फ्लोर तक का मिसयूज करना बंद नहीं किया. लिहाजा बेसमेंट में पानी भर गया, जिसमें तीन UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों की मौत हो गई.
MCD को पता चला है कि कोचिंग में फ्री एक्सेस नहीं था और कोचिंग बिना फायर NOC के चल रही थी, लेकिन कोर्ट की सख्ती के बाद कोचिंग संस्थान ने इसी साल 9 जुलाई को NOC ली थी. साथ ही कोचिंग ने स्टोरेज का इस्तेमाल कोचिंग/लाइब्रेरी के लिए किया. अगर मंजूरी के मानदंडों का पालन किया होता तो यह हादसा टल सकता था. अब MCD ने इलाके में मौजूद ऐसी इमारतों में शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
नगर निगम को अपनी जांच में पता चला कि राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग सेंटर और सड़क के किनारे स्थित अन्य बिल्डिंग के मालिकों ने अतिक्रमण कर लिया है. उन्होंने अपनी बिल्डिंग को प्लेटफॉर्म, रैंप के रूप में विस्तारित करके स्टॉर्म ड्रेन को ढक दिया है. जिससे पानी की निकासी मुश्किल हो गई है और नालियों की सफाई असंभव हो गई है.
अब MCD जल निकासी की समस्या को हल करने के लिए संबंधित स्टॉर्म वाटर ड्रेन और अन्य नालियों पर अवैध अतिक्रमण को हटाएगी. जो कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करने वाले और बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. निगम ने शनिवार को राजेंद्र नगर में ऐसे तीन बेसमेंट को सील कर दिया है.
दिल्ली नगर निगम (MCD) बेसमेंट में पानी भरने के कारण का पता लगाने के लिए मामले की गहन जांच कर रहा है. हालांकि, MCD ने अपनी जांच में पाया कि संपत्ति के मालिक ने बेसमेंट के उपयोग के मामले में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन किया है. बेसमेंट को पार्किंग और भंडारण की ही अनुमति थी. पर लाइब्रेरी और रीडिंग हॉल के रूप में बेसमेंट का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी. हालांकि, पुस्तकों को स्टैकिंग/स्टॉकिंग किया जा सकता था.
बिल्डिंग बायलॉज और फायर NOC के अनुसार, संपत्ति का उपयोग संपत्ति मालिकों की जिम्मेदारी है. कोचिंग सेंटर के बाहर नाले के फटने की तथाकथित घटना की MCD जांच कर रही है. RAU’s कोचिंग सेंटर की घटना के बाद निगम ने 12 जोनों में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करने वाली संपत्तियों के खिलाफ सख्य कार्रवाई शुरू कर दी है. MCD ने करोल बाग जोन में ऐसे उल्लंघनों के लिए 3 संपत्तियों को सील कर दिया है.
RAU’s IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से छात्रों की मौत के बाद दो थ्योरी (क्या बेसमेंट में भी कोचिंग चल रही थी? बिल्डिंग के पास फायर विभाग की NOC की या नहीं और मेन गेट पर लगा शेड कैसे टूटा?) पर अपनी जांच शुरू की है.
सूत्रों का कहना है कि तेज बारिश के बाद कोचिंग का गेट बंद कर दिया गया. जिस पर स्टील शेड लगा हुआ था ताकि पानी अंदर नहीं जा पाए, लेकिन जैसे ही बारिश का पानी सड़क पर ज्यादा भरा तो पानी का प्रेशर इतना ज्यादा था कि स्टील तीन शेड को तोड़ते हुए बेसमेंट में भर गया. बेसमेंट में पानी भरने से कोचिंग में मौजूद स्टूडेंट्स अंदर फंस गए.
पुलिस ये भी जांच कर रही है कि एक कार को बाहर निकलने के लिए गेट खोला गया था, जिसके बाद पानी काफी तेजी से अंदर आ गया. यह जांच का विषय है कि आखिरकार गेट किसने बंद किया और खोला?